बुधवार, 23 अगस्त 2023

660 से 700

 [05/06, 6:43 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 660

अद्भुत परीक्षण 

एक भरपूर काला आदमी जुकाम की शिकायत लेकर रमलू डाक्टर के पास गया. रमलू ने उसे सरसरी निगाह से देखकर कहा कि वो अपने कपडे उतार दे और दोनों हाथों को जमीन पर टिका दे! 


आदमी हैरान परेशान पर उसने यह किया! 


ठीक है-रमलू डॉक्टर बोला.. ' अब जानवरों की तरह चलिए, और कमरे के दायें कोने में जाए.. 


आदमी ने यही किया.. 


ठीक' - रमलू डॉक्टर साब बोले- अब बाएँ कोने में जाएँ.. 


बंदा उधर चला गया! 


अब इस कोने में, अब उस कोने में, अब सामने, अब बीच में.. 


आदमी घबरा के उठ खड़ा हुआ ...' डाक्टर साब, कोई गंभीर बीमारी तो नहीं हो गयी मुझे? 


अरे नहीं- रमलू डॉक्टर साब बोले.. मामूली जुकाम है, ये दो गोली लो सुबह तक ठीक हो जाओगे.. 


पर डॉ साब आपने ये मेरा एक घंटे तक इस तरह परीक्षण... 


कुछ नहीं यार'- रमलू डॉक्टर साब बोले.. बात यह है कि मैंने एक काले रंग का सोफा ख़रीदा है,मैं देखना चाहता था इस कमरे में वो किस जगह ठीक दिखेगा!

[06/06, 6:49 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 661

नहले पै दहला


एक बार रमलू अर कमलू , किसी बियर बार में बियर पीने गये। जब वह पीने लगे तो रमलू बोला, "लगता है बाहर बारिश हो रही है। तुम ऐसा करो घर जाकर जल्दी से छतरी ले आओ।"


कमलू  गुर्राया: मुझे पता है मेरे जाने पर तुम मेरी सारी बियर पी जाओगे।


रमलू  ने उसे यकीन दिलाया कि वो उसकी बियर नहीं पियेगा। उसके हिस्से की बियर ज्यों की त्यों रखी रहेगी।


कमलू यह सुनकर मान गया और छतरी लेने चला गया।


जब रात गहराने लगी पर कमलू  छतरी लेकर नहीं लौटा तो रमलू  ने सोचा शायद कमलू  घर पर ही रुक गया है और अब नहीं आएगा। यही सोच कर उसने कमलू  का बियर वाला गिलास उठाया ही था कि बार के एक कोने की छोटी सी खिड़की से तेज आवाज आई, "अगर पीओगे तो मैं छतरी लेने नहीं जाऊंगा।"

[06/06, 6:51 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 662

रमलू लड़की देखन गया। दोनूं बात करण नै न्यारे बिठा दिए।

रमलू: डरता सा बोल्या, बेबे थाम कितने भाई बाहन सो।

लड़की:तीन थे ईब च्यार होगे।

[06/06, 6:51 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 663

मास्टरजी:एक महान वैज्ञानिक का नाम बताओ

कमलू: आलिया भट्ट

मास्टरजी: योहे सीख्या सै?

रमलू :यो तोतला सै सर।आर्य भट्ट बोलै सै।

[06/06, 6:52 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 664

रमलू: अपनी पत्नी से ..तूँ बहोत भोली सै,तनै कोये भी बेकूफ़ बना दे सै।

धमलो:शुरुआत तो म्हारे घरकयां ए नै करदी थी।

[06/06, 6:53 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 665

रमलू और कमलू एक 🌳आम के* 

     *पेड़ के नीचे बैठ कर काफ़ी* 

     *देर से बातें कर रहे थे...*


     तभी अचानक 🌳पेड़ से एक

     आम नीचे गिरा!


    रमलू: *अभी तो पेड़ो*

     *पर आम कच्चे होते है!*

     *तो यह 🍋आम कैसे नीचे गिरा?*


      इससे पहले कि कमलू

    कुछ बोलता, 🍋आम

     खुद हाथ जोड़कर बोल पड़ा...

    

     *'पक गया हूं भाई जी मैं* 

      *इतनी देर से तुम..*

      *दोनो की बातें सुन सुन कर!'

[06/06, 6:58 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 666

भिखारिन -

“बच्चा भूखा है, कुछ दे दे सेठ!” गोद में बच्चे

को उठाए एक जवान औरत हाथ फैला कर भीख

माँग रही थी।

“इस का बाप कौन है? अगर पाल नहीं सकते

तो पैदा क्यों करते हो?” सेठ झुंझला कर बोला।

औरत चुप रही। सेठ ने उसे सिर से पाँव तक

देखा। उसके वस्त्र मैले तथा फटे हुए थे, लेकिन

बदन सुंदर व आकर्षक था।

वह बोला, “मेरे गोदाम में काम करोगी? खाने

को भी मिलेगा और पैसे भी।”

भिखारिन सेठ को देखती रही, मगर बोली कुछ

नहीं।

“बोल, बहुत से पैसे मिलेंगे।”

“सेठ तेरा नाम क्या है?”

“नाम !! मेरे नाम से तुझे क्या लेना-देना?”

“जब दूसरे बच्चे के लिए भीख माँगूंगी तो लोग

उसके बाप का नाम पूछेंगे तो क्या बताऊँगी ?”

अब सेठ चुप था..

Abdul H khan की वाल से

[07/06, 2:26 pm] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 667

कमलू- जलेबी फीमेल क्यों है? 

रमलू- क्योंकि वो टूट जाएगी, लेकिन कभी सीधी नहीं होगी।

 

[09/06, 5:02 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 668

रेल के टॉयलेट मैं लिख्या था : दुनिया चान्द पै पहोंच ली और तूँ यहां बैठा है? 

रमलू नै सोच कै नीचै लिख  दिया : चांद पै पाणी कोण्या ज्यां करकै वापस आया था, बस ईब उल्टा जां सूँ ---

[09/06, 5:04 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 669

मेहमान- तो बेटा आगै के करण का इरादा सै?

रमलू - थारे जान्ते ऐ इन बचे होए  बिस्कुटां का , ठंडे अर भुजिया का बक्कल तारणा सै।।

[09/06, 5:05 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 670

रमलू नै  अपनी प्रेमिका तैं  पूछया  - डियर ! मैं तुम्हारे पिताजी से शादी की बात किस बख्त  करूं ?

प्रेमिका ने कहा - जब कभी मेरे पिताजी के पैर में जूते न हों |

[09/06, 5:05 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 671

ठमलू  ( रमलू तैं  )- रमलू , किसी चीज का लांबा-सा नाम बता ।   


रमलू - रबड |

ठमलू  - यो  तो बहुत छोटा सै  |

रमलू - फेर  इसनै  खींचकै  जितना चाहे लांबा कर सकै  सै।

[09/06, 6:58 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 672

दो महिलाएं कुछ समय बाद मिलीं तो एक ने पूछा - बहन आपने राजू बेटे का उंगली चूसना कैसे छुडाया ?

दूसरी महिला- कुछ खास नहीं उसकी नेकर ढीली सिल दी हैं , वह उसे ही पकडे रहता हैं |

[09/06, 6:58 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 673

डॉक्टर - आपके तीन दांत कैसे टूट गए ?


मरीज - पत्नी ने कड़क रोटी बनाई थी.


डॉक्टर - तो खाने से इनकार कर देते !


मरीज – जी, वही तो किया था … !!!

[09/06, 6:59 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 674

एक महिला नै  नाटक में झगडालू पत्नी का सफल अभिनव किया | लोगों नै  उसे बहुत पसंद करया  | नाटक के बाद एक पत्रकार नै उसतैं  पूछया - पहली बार में आपके सफलतम अभिनय का रहस्य क्या हैं ? 

महिला बोली - इसमें कोई खास बात नहीं | मंच पर अपने कलाकार साथी के साथ बोलते समय मैंने मन में यही सोच लिया था वास्तव में अपने पति रमलू तैं  बात कर रही सूँ  |

[09/06, 7 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 675

प्रेमिका नै  रमलू  तहिं  कहया  -अपनी शादी के लिए ! तुम मां से मिलकर देखों |

रमलू  बोलया  - नहीं डियर ! अब तुम्हारे सिवाय कोई दूसरी मेरे मन में कोन्या  बस सकती |

[09/06, 7:00 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 676

फकीर- आपके पड़ोसी ने पेट भर कर खाना खिलाया है, आप भी कुछ खिलाओ।

रमलू - ये लो हाजमोला

[09/06, 7:00 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 677

एक खूबसूरत लडकी बस स्टैंड पर खडी थी | एक नौजवान बोला- चांद तो रात में निकलता हैं , आज दिन में कैसे निकल आया ?


लडकी बोली - अरे उल्लू तो रात को बोलता था , आज दिन में कैसे बोल रहा हैं |

[09/06, 7:04 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 678

छोटा गुजराती बोल्या -- रात नै मैं एक चोर नै चाकू दिखा कै लूट लिया | 

रमलू --- न्यूं क्यूकर ? तेरे धोरै तो गन हुया करै ?

छोटा गुजराती बोल्या--- व तो मनै  ल्ह्कोली थी अक कदे बन्दूक नै भी ना लूट ले |

[09/06, 7:06 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 679

रमलू ठमलू  नै हिंदी का होम वर्क कोनी करया |हिंदी के अध्यापक नै उनको पेड़ पर उल्टा लटकाने की सजा दे दी .| थोड़ी देर लटकने के बाद रमलू नीचै पड़ग्या | 

हिंदी अध्यापक -- थक लिया के ? 

रमलू -- थक्या कोनी | पूरा पाक लिया |

[09/06, 7:15 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 680

रमलू ---- जै तेरै किमै होग्या तो मैं पागल हो जाऊँगा 

रमलू की घराली -- दूसरा ब्याह तो नहीं करोगे |

रमलू --- पागल का के बेरा कुछ बी कर सकै सै

[10/06, 5:39 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 681

या  के बात हुई


रमलू  पढ़ाई मैं  रद्दी  था ।   आठवीं जमात मैं  चार बर फेल हो लिया तो एक दिन उसका पडौसी कमलू बोल्या -- रमलू तूँ चार बर फेल हो लिया एक जमात मैं । तेरी उम्र मैं तो मेरा बेटा धारे नौकरी लाग लिया था । रमलू बोल्या --कमलू  दूसरयां गेल्याँ तुलना नहीं करया करदे ,न्यूँ तो तेरी उम्र मैं मेरा ताऊ राम नै प्यारा हो लिया था ।

[10/06, 5:39 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 682

पिता: फिर से फेल हो गया? पड़ोस की लड़की को देख हमेशा क्लास में फर्स्ट आती है। 

रमलू बेटा: उसको देखकर ही तो मैं फेल हो गया हूं।

[10/06, 5:40 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 683

रमलू  अपने मित्र से दुखड़ा बांट रहा था, मेरे चार बेटे हैं, पहले वाले ने एमबीए किया है, दूसरे ने एमबीबीएस किया है, तीसरे ने एम टेक किया है, लेकिन चौथा चोर बन गया है... मित्र ने तुरंत कहा, चोर को घर से निकाल दो, वरना घर की इज़्ज़त नीलाम कर देगा... रमलू  ने जवाब दिया, "उसे कैसे निकाल दूं, यार... वही तो कमाऊ है, बाकी तीनों बेरोज़गार हैं.....

[10/06, 6:55 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 684

रमलू : पिता के रूप में मुझे गर्व है कि मेरा पुत्र मेडिकल कॉलेज में है। ठमलू  :अरे वाह! वहां क्या पढ़ाई कर रहा है वह? 

रमलू  : वह पढ़ नहीं रहा है, वहां उसे पढ़ा जा रहा है ...

[10/06, 7:19 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 685

बात समझ कोन्या आई 


एक बर रमलू कमलू थमलू  ठमलू अर धमलू  अपने यार फते के ब्याह मैं बरात मैं चाले गए । सुसराड़ मैं खातिर दारी मैं कमू वेटर शिकंजी के गिलास भर भर कै बरातियां ताहीं प्यावण  लाग रया था । कमू  नै उन पांचूआं ताहीं एक एक गिलास भर भर कै शिकंजी का दे दिया । रमलू  नै शिकंजी पी कै गिलास सीधा धर दिया अर ,कमलू नै अपना गिलास मूंधा धर दिया अर थमलू नै टेढ़ा गेड़ दिया । कमू वेटर उन ताहीं बोल्या --थम तीनूँआं नै गिलास न्यारे  न्यारे  ढाल क्यूं धरे सै ? रमलू -- मेरा सीधा गिलास धरण का मतलब यूं सै अक इसमें ओर शिकंजी घाल दयो । कमलू -- मेरा मूंधा धारण का मतलब यो था अक मनै ओर  शिकंजी कोण्या  चाहिए । थमलू  बोल्या -- मेरा टेढ़ा गिलास धरण का मतलब यो था अक बचरी हो तै घाल दे नहीं तो रहण दे । आई किमै समझ मैं ?

[10/06, 7:20 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 686

किस्सा जल सै यो तो निरा पाणी सै 


रमलू जमा अनपढ़ । एक दिन शहर मैं चाल्या गया । उ डै एक आदमी जल सेवा करण  लाग रया  था । वो मानस रमलू तैं बोल्या --ले भाई जल पी ले । रमलू  नै बेर नहीं था अक जल के बला हो सै । रामलू नै सोच्ची अक पी कै तो देख ल्यूं  अक यो जल के बल सै । रामलू नै उस मानस धोरै एक गिलास जल ले लिया अर दो तीन घूँट भर कै  बोल्या --जा मेरे यार यो किस्सा जल सै यो तो निरा पाणी सै ।

[11/06, 6:24 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 687

रमलू  को एक स्विमिंग पुल पर नौकरी मिल गई थी। 

रमलू : मैडम इस पुल में स्विमिंग करना मना है।

 महिलाः तुमने तब क्यों नहीं कहा जब मैं कपड़े उतार रही थी? 

रमलू : मैडम कपड़े उतारना मना नहीं है।

[11/06, 6:28 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 688

रमलू  शिकार पर

 रमलू अपने घर के दरवाजे पर बंदूक लेकर खड़ा था।

 रमलू  की पत्‍नी ने उसे देखकर पुछा। 

रमलू  की बीवी: यहां क्‍यूं खड़े हो। 

रमलू : देख नहीं रही है शेर के शिकार पर जा रहा हूं।

 रमलू  की बीवी: तो जाओं ना खड़े क्‍यूं हो। 

रमलू : कैसे जाउं बाहर, देखती नहीं बाहर कुत्‍ता खड़ा है।

[11/06, 6:28 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 689

रमलू  अपनी प्रेमिका के साथ पार्क में बैठा था। 

प्रेमिका : तुम मुझे अपनी हीरे की अंगूठी दे दो।

 रमलू : क्‍यों? 

प्रेमिका: मैं अंगूठी को देख के तुम्हें याद किया करुंगी। 

रमलू : तुम ये सोचकर याद कर लेना कि कमीने से अंगूठी मांगी थी और उसने दी नहीं।

[11/06, 6:29 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 690

रमलू  कॉलेज में एक लड़की से बोला, आई लव यू।

 लड़की ने कुछ नहीं बोला और चुपचाप खड़ी थी। 

रमलू : अब तुम मुझे बोलो। 

लड़की: गुस्‍से में, मैं अभी जाकर सर को बोलती हूं। 

रमलू : पगली सर को मत बोल उनकी शादी हो गयी है।

[11/06, 6:33 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 691

रमलू नै एक बै एक  पॉलट्री  फार्म खोल लिया ।  फेर रमलू  अपनी मुर्गियों के द्वारा कम अंडे दिए जाण करकै   परेशान था।  एक दिन उसनै  सारी  मुर्गियों ताहीं हुक्म दिया अक  काल  तैं  मुर्गियां ज्यादा अंडे देवैँगी । 


 रमलू :अगर तुम लोगों ने कल से 2-2 अंडे नहीं दिए तो कल से तुम्हारा दाना पानी बंद

मुर्गियाँ कसूती  डरगी  …. सारियाँ नै  2-2 अंडे दिए पर एक नै बस  एकै  अंडा दिया। 

 रमलू: तनै  1 अंडा क्यूं दिया सै  ? तनै मेरा डर नहीं ?

 .

.जवाब मिल्या  : मालिक ! यो  थारा  डर करकै ए तो दिया सै  … नातै  मैं तो  मुर्गा  सूँ ।

[11/06, 6:34 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 692

विश्वास उठ लिया 

एक दिन, एक चोर रमलू के घराँ चोरी करण आग्या . तिजोरी पै लिख्या था ‘तोड़ने की जरूरत नहीं सै … 564 बटन दबा दयो , आपै खुल जावैगी ….

ज्योंहे चोर नै 564 बटन दबाया, थोड़ी सी वार मैं पुलिस आगी ….

चोर बुडबुड़ाया : माँ कसम, आज इंसानियत पर तैं विश्वास उठ लिया

[11/06, 6:37 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 693

नहले पै दहला 


रमलू  सिपाही की ड्यूटी बोर्डर पी लाग री थी । एक दिन फोन कर कै रमलू  अपने अधिकारी जुगनू थानेदार ताहीं न्यूँ बोल्या--साहब जी मनै एक ट्रक दारू का पकड़ लिया सै । जुगनू थानेदार बोल्या--शाब्बाश रमलू इब तूँ न्यूँ कर अक एक ट्रक  भुजिया का और पकड़ ले ।

[11/06, 2:39 pm] Dr. Ranbir Singh Dahiya: रमलू बहुत ही रोमांटिक मूड में अपनी पत्नी के धोरै गया अर बोल्या- तेरे मैं राम दिखै सै, धमलो मैं के करूं…

धमलो- करना के सै,  रोज माथा टेक कै 500 का नोट चढ़ा दिया कर।

[12/06, 4:59 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 695

रमलू केले लेण गया

रमलू- भाई! केला लेणा होतै कितने का? 

केले आला- 10 रूपये का

रमलू- 4 रूपये मैं देदे।

केले आला- 4 रूपये मैं तो छिलका दे दयूंगा।

रमलू- सैड़ दे सी 6 रूपये काढ़ कै बस केला देदे छिलका तूँ राख ले।

[12/06, 5:05 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 696

सुरेश : आप रमलू जी बोल रहे हैं?


रमलू : जी हाँ


सुरेश : सर, गवर्नमेंट एयर इंडिया के शेयर बेच रही है, क्या आप 

खरीदने के इच्छुक हैं?


रमलू  : हम तो छोटे आदमी हैं, हमारी औकात कहाँ


सुरेश  : *इसीलिये पहले आपसे पूछा है बाद में हल्ला मत करना, कि मोदी ने अम्बानी और अडानी को दे दिया।*

[13/06, 5:04 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 697

रमलू को फांसी की सजा सुनाई

गयी 

.. जज ने पूछा- कोई आखिरी

ख्वाहिश?.

रमलू- जी सै ।

जज - क्या ❓❓

रमलू – मेरी जागां थाम लटक जाओ ।

दिखावे सैं दिखावे ।

[13/06, 5:09 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 698

बड़ी खोजबीन के बाद अब कहीं जाकर


"एडमिन" का हिन्दी नाम मिला- 

"झुण्ड नियंत्रक "


"सेल्फी" का भी नया हिंदी नाम मिल गया है ।

"खुदखेंचू" 


"डीपी" का नया हिंदी शब्द मिल गया...

"दिखावटी फोटू"


"Whats app" का हिन्दी शब्द

"जन धन निशुल्क गपशप योजना

[14/06, 5:43 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 699

कमलू दोस्त रमलू से- आओ तुम्हें चांद पर ले जाऊं।

रमलू- अरे नहीं यार.....

कमलू- लेकिन क्यों?

रमलू- क्योंकि वहां वॉट्सऐप नहीं चलता है।

*****//

[14/06, 5:43 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 700

टीचर- बताओ...सबसे चतुर प्राणी कौन सा है ?

रमलू- हिरण..

टीचर- कैसे ?

रमलू- सतयुग में प्रभु राम को फंसाया था और कलयुग में सलमान को...

701 से 719

 [14/06, 5:43 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 701

बाबू - रमलू 5 के  पाछै के आवै सै  ?

रमलू - 6 अर 7 बाबू

बाबू- शाबाश ! बेटा मेरा तै बहुत

इंटेलीजेंट सै। अच्छा तो 6, 7 के बाद

रमलू - 8, 9, 10

बाबू-अर उनके पाछै ?

रमलू - और उसके पाछै

ग़ुलाम, बेगम और बादशाह...!!!

[15/06, 5:34 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 702

कमलू -- रमलू सुण्या सै 100 करोड़ की गैस सब्सिडी ख़तम करावण की खातर 250 करोड़  खर्च कर दिए ।

रमलू -- कमलू तेरै चूरने क्यूँ होरे सैं ।  250 करोड़ मैं सही फेर करा  तो दी  ।

[15/06, 7:00 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 703

अपनी सोच --------------------------------------------

दो ट्रक डलेवर एक संग्राहलय देखण चले गये | उड़े एक कंकाल पर लिख्या था," बी सी १५६० |

"शायद यो ट्रक तैं दब कै मारे औड माणस का कंकाल सै |" एक डलेवर बोल्या |

" हाँ ! अर यहाँ उस ट्रक का नंबर भीलीख राख्या सै "| दूसरे डलेवर नै सैड दे सी कहया |

[15/06, 7:00 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 704

समझ अपनी अपनी 

एक बूढी महिला नै इंडियन एयर लाइन्स के दफ्तर मैं फोन करया अर बूझ्या ,

" दिल्ली तैं कलकत्ता जवान आला जहाज कितना टेम  लेवै सै ?"

"एक मिनट |" कहकै एयर लाइन्स का कर्म चारी अपनी समय तालिका देखण लाग्या |

दूसरी तरफ तै आवाज आई ," धन्यवाद " अर महिला नै फोन धर दिया |

[15/06, 7:18 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 705

लठ  की भाष्या

एक बै रमलू  खेत मैं  रेडियो सुनै था। रेडियो पै एक लुगाई बता वै थी अक , बंबई मै बाढ़ आ गी, गुजरात मै हालण आग्या, दिल्ली मैं पारलियामेंट  … रमलू  नै देख्या पाच्छै नाका टूट्या पड़्या सै , अर पाणी दूसरे के खेत मैं  जावन  लाग रहया सै । रमलू  छोह  मैं  आकै रेड़ियो कै दो लट्ठ मारकै बोल्या – दूर-दूर की बताण लाग री सै , लवै नाका टूट्या पड़या सै , यो बतावां मैं के तेरा मुंह  दुखै था ।

[16/06, 5:34 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 706

कमलू नै बूझ्या - रै रमलू  चाय में अदरक गेरया भी करै अक न्यौ ए लिख राख्या सै?


रमलू - कमलू विश्वास कर

सारे चाय बेचण आले झूठ नहीं बोलते!

[16/06, 5:36 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 707

घणा कम ये तोलैं  , घणी झूठ ये बोले

मजहब पै ये डोलैं , देश के किवाड़ खोलैं

बदेशी पूंजी नै बुलावैं , राष्ट्र भगत कुहावैं

के के गुल खिलावैं , घने मानस मरवावैं

[16/06, 5:37 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 708

रमलू- माँ तेरा ब्याह किस गेल्याँ होया था ....

माँ -- मरज्याणे तेरे बाबू गेल्याँ  , और किस गेल्याँ होना था .... 

रमलू - यो बी किमैं ब्याह हुया ..??

        --घर के घर मैं करवा लिया ,  और के गुहांड के लोग मरगे थे ..!!!

[16/06, 5:38 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 709

टीचर – रमलू यमुना नदी कहॉं बहती है ?

रमलू  – जमीन पै जी।

टीचर – नक्शे में बताओं कहॉं बहती है ?

रमलू – नक्शे मैं क्युकर बहै सकै सै गुरु जी ? नक्शा गल नहीं जावैगा?

[16/06, 5:40 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 710

चुटकुला तो इसको कहते हैं 😂😂😂


एक लड़की अपने बूढी दादी के साथ ''बरामदे'' में बैठी थी

तभी वहां उसका ''बॉयफ्रेंड'' आ गया !


लड़की अपने बॉयफ्रेंड से -- क्या आप ''रामपाल यादव'' की बुक dad is at home लाये हो ?


बॉयफ्रेंड -- नहीं मैं तो ''कीमती आनंद'' की where should i wait for u किताब लेने आया हूँ !


लड़की -- नहीं मेरे पास तो ''प्रेम बाजपेयी'' की under the mango tree है !


बॉयफ्रेंड -- ठीक है तुम आते समय ''आनंद बक्शी'' की call u in five mnt लेती आना !


लड़की -- ok मैं ''जॉन इब्राहिम'' की I wont let u down जरूर लेती आउंगी !


लड़का लड़की की दादी के ''चरण स्पर्श'' करके चला जाता है !

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दादी बोली -- बेटी ये लड़का इतनी ''ढ़ेर सारी'' किताबे पढ़ कैसे लेता है ?


लड़की -- दादीजी ये हमारी क्लास का सबसे समझदार और intelligent लड़का है !


दादी -- तो बेटी इसको कहना एक बार ''मुंशी प्रेमचन्द'' की old people are not stupid भी पढ़ ले ! ...😜😂😂😂😂😂😂😜😜😜

[16/06, 7:02 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 711

मास्टर जी --- कौनसी किताब थाम नै  ज्यादा मदद करै सै ?

रमलू -- साच बोलूँ अक झूठ ?

मास्टर जी --साच बोल बेटा |

रमलू --- मेरे बाबू की चैक बुक |

[16/06, 7:10 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 712

फोटोग्राफर की इसी तीसी होरी सै ---------------------------

रमलू नै अपने दोस्त कमलू तैं बूझ्या अक ," यार के बात सै आजकाल भाभी अक्सर चुपचाप रहवै सै ?"

कमलू बोल्या ," असल मैं एक दिन जब हम दोनों फोटो खिचवा वन लागरे थे तो फोटोग्राफर नै तेरी भाभी ताहीं कह दिया अक जब आप चुप रहती हैं तो एकदम कैटरीना कैफ  लागो सो |

[16/06, 7:11 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 713

रमलू अर ग़ालिब ---------------------------------------------------

रमलू नै अपने बेटे ताहीं कहया ," बेटा किसी संस्कारी  घर  का बालक इतने गंदे शब्दों का इस्तेमाल नहीं करता | 

तूं भी मत करया कर |

" पर बाबू ! ये तो ग़ालिब के शब्द सें |" बेटे नै सफाई दी |

"ठीक सै ! आज तैं तूं उसकी साथ खेलना बंद करदे |"रमलू नै उल्गे कालजे तैं कहया |

[16/06, 2:19 pm] Dr. Ranbir Singh Dahiya: कमलू--और सुना यार घराली तैं तकरार खत्म हुई अक नहीं?

रमलू--अबे घुटनों पर चलकर आयी मेरे पास, घुटनों पर।

कमलू--के बात करै सै?असल मैं?

रमलू--और नहीं तो के?

कमलू--फेर के बोली?

रमलू--बोली, बेड के नीचे से बाहर आज्या! पक्की बात सै, ईब नहीं मारूंगी।

[16/06, 2:22 pm] Dr. Ranbir Singh Dahiya: कमलू--कुछ काम करो।

रमलू--मैं गर्मियां मैं कोये काम नहीं करया करदा।

कमलू--अर जाड्यां मैं के काम करया करै?

रमलू--गर्मी आवण का इंतजार।

[16/06, 2:30 pm] Dr. Ranbir Singh Dahiya: रमलू--भाई, सभ्यता अर शिष्टाचार के तो बख्तै  कोण्या रहे।

कमलू--क्यों के होग्या?

रमलू--काल , वो ठमलू आया था, मनै कहया अक चा मंगवाऊं तो झट हां भर दी उसनै। तूँ ऐ बता -मेरा फर्ज बूझण का था तो उसका भी नाटण का नहीं था के?

[17/06, 6:11 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 717

रमलू : आज मेरी बकरी ने अंडा दिया है. 

कमलू : पागल हो गये हो क्या बकरी कभी अंडा देती है? 

रमलू : भाई हम वीआईपी लोग हैं, हमारी मुर्गी का नाम बकरी है।

[17/06, 6:16 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 718

अध्यापक- जवानी और बुढ़ापे में क्या फर्क होता है ? . . . . 

रमलू - जवानी में मोबाइल में हसीनों के नंबर होते हैं, और बुढ़ापे में हकीमों के |

[17/06, 6:25 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 719

दिल्ली में...

बेटा: पापा आज बहुत गर्मी है..!

पापा: ओहो मेरे बेटे को गर्मी लग रही है।

बेटा हम आज ही ए.सी. लगवाएँगे..!

.

.

.

इधर हरियाणा में...

बेटा: बाबु मैंने घणी गर्मी लाग्गै है.!

बाबु: आच्छया,, चाल तनैे गंजा करवा कै ल्याउंगा.!

[17/06, 6:27 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 719

दस साल का रमलू  बहुत ध्यान से एक किताब पढ़ रहा था, जिसका टाइटल था, 'बच्चों का पालन-पोषण कैसे करें'? 

मां: तुम इस किताब को क्यों पढ़ रहे हो? 

रमलू : मैं ये देखना चाहता हूं कि मेरा पालन-पोषण ठीक से हो रहा है या नहीं ?

720 से 750

 [17/06, 6:27 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 720

रमलू : सिस्टर मुझे एक बोतल खून दे दो। 

सिस्टर: ब्लड ग्रुप बताओ? 

रमलू :  कोई भी चलेगा।

सिस्टर: कैसे? 

रमलू : गर्लफ्रेंड को लव लैटर लिखना है।

[17/06, 6:28 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 721

माँ बेटे से - बेटा सेब खालो बेटा बोलता है- ना माँ फिर बोलती है -बेटा, केला खालो बेटा बोलता है - नही माँ (गुस्से मे) - तु , अपने बाप पर गया है, चप्पल ही खायेगा

[17/06, 6:28 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 722

हड्डियों के विशेषज्ञ दो डॉक्टर सुबह- घूमने निकले।

आगे एक आदमी लंगड़ाता हुआ जा रहा था।

एक डॉक्टर बोला, "लगता है इसकी टखने की हड्डी टूटी हुई है।"

दूसरा डॉक्टर बोला, "नहीं यार, घुटने की हड्डी टूटी है।"

दोनों में बहस होने लगी। आखिर तय हुआ कि उसी व्यक्ति से पूछा जाए।

 एक डॉक्टर ने पूछा, "भाईसाहब, आपकी घुटने की हड्डी टूटी है या टखने की?"

आदमी ने गौर से डॉक्टर को देखा और बोला, "मेरी न तो घुटने की हड्डी टूटी है और न ही टखने की, मेरी तो बस चप्पल टूट गयी है।

[17/06, 6:30 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 723

एक कंजूस माणस ---- के पियोगे भाई , ठंडा अक गरम 

महमान  ---- जी दोनु मंगवा ल्यो 

कंजूस माणस ---- रामू न्यूं कर एक ठंडा अर एक गरम ,

 ग्लास पानी का ले आ

[17/06, 6:31 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 724

रमलू --- छोरी फंसानी आवै सै ?

कमलू  --- ना |

रमलू ---एक कागज का जहाज  बना , जिब मास्टर जी  आवें तो उस नै  क्लास मैं उड़ा दिए अर मास्टर जी बूझें तो उस छोरी का नाम ले दिए| बस फँसगी छोरी

[17/06, 6:32 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 725

मास्टर जी --- कौनसी किताब थाम नै  ज्यादा मदद करै सै ?

रमलू -- साच बोलूँ अक झूठ ?

मास्टर जी --साच बोल बेटा |

रमलू --- मेरे बाबू की चैक बुक |

--

[17/06, 6:33 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 726

रमलू  फकीर अर अम्बानी अमीर का एक बार सूट बैठ ग्या बात करण का |

अम्बानी   जी बोले --अच्छा रमलू न्यूं बता अक किस करना मेहनत सै अक या मजा सै ?

रमलू  बोल्या --अम्बानी जी क्यूं मजाक करो सो गरीब की गेल्याँ ?

अम्बानी --नहीं रमलू मैं असल मैं जानना चाहूं सूँ |

रमलू बोल्या -- अम्बानी साहब जरूर मजा होगा , नाह तै मेहनत होती तै थाम भी मेरे पै ए करवांदे||

[18/06, 4:59 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 727

बादाम

रमलू बादाम खान लागरया था ।

धमलो बोली:: मनै भी taste करादयो ।

रमलू नै एक बादाम दे दिया

धमलो : : बस एक

रमलू :: हाँ, बाकी सबका भी इसा ए टेस्ट सै।

[18/06, 5:00 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 728

मास्टरजी -- नेपोलियन की मृत्यु किस लड़ाई में हुई?


रमलू परीक्षार्थी --. उसके जीवन की आखिरी लड़ाई में ।

[18/06, 5:04 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 729

साधु:

साधु:: बच्चा तुझे स्वर्ग मिलेगा । लाओ कुछ दक्षिणा दे जाओ।

रमलू:: ठीक सै दक्षिणा मैं थारे ताहिं मनै दिल्ली दे दी। 

आज तैं दिल्ली थारी होली।

साधु:: दिल्ली क्या तुम्हारी है ? जो मुझे दे रहे हो??

रमलू:: तो यो स्वर्ग के थारे बाबू नै खरीद राख्या सै , जो थाम उड़े के प्लाट ऑड़े बाँटन लागरे सो???

[18/06, 6:21 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 730

मजदूर ने मालिक से कहा , " मालिक ,मुझे अभी दस रूपये दे दीजिये | शाम को मजदूरी मैं तैं काट  लियो |"

इब्ब ऐ तो कोन्या दे सकदा , क्योंकी दस रूपे टूटे कोन्या |" मालिक नै   कहया |

मजदूर बोल्या -- मनै टूटे रूपे नहीं साब्बत ही चाहियें

[18/06, 6:21 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 731

दो बेकार दोस्त 


दो बेकार दोस्त थे कुछ काम नहीं मिल रहा था . चलते चलते एक तलब किनारे आये . एक बोर्ड पर नज़र पडी .”डूबने वाले इन्सान को  बचाने  वाले को 500 Rs इनाम 'एक दोस्त को तैरना आता था दुसरे को नहीं जिसको तैरना आता था उसने दुसरे से कहा " तुम तालाब में कूदो और बचाओ बचाओ चिलाओ मैं तुम्हें बचाऊँगा 500 मिलेंगे 250 तू लेना 250 rs मैं लूँगा ' वह कूद गया . पर उसके चिलाने पर भी उसके दोस्त ने उसे निकालने से ना कह दिया | वह बोला तेरे पानी में कूदने के बाद मैंने दूसरा बोर्ड देखा ------


लहाश (डैड बॉडी ) को बहार निकालो और 1000Rs पाओ .

[18/06, 6:22 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 732

मक्खन  सिंह  की बहू दूध बिलोवे थी | थोड़ी सी हान मैं जद मक्खन  बिलोवानी मैं तैरण लाग्या तो वा अपनी सास नै बोली " माँ जी इब मक्खन तैरण लाग्या सै |

सास नै डांट मार कै कहया ," तनै बोलन का शउर   नहीं सै के ? अपने सुसरे का नाम लेंते होयें तनै शर्म नहीं आंती ? बहू चुप रैहगी | अगले दिन उसे ढाल जब दूध बिलोवन पै मक्खन तैरण लाग्या तो बहू बोली , माँ जी , देखो नै बिलोवानी मैं पिता जी तैरें सें|

[18/06, 6:22 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 733

शिक्षक  नै  छात्रों तैं बूझ्या --किस चीज मैं विटामिन सी सभ तैं फालतू  होवै सै ?\

" मिर्च मैं " एक छात्र नै बताया |

"ओ  क्यूकर ?" शिक्षक नै बूझ्या |

" मिर्च खान्ते की साथ  सारे लोग सी सी करण  लाग्ज्याँ सें |" छात्र नै कहया |

[19/06, 5:39 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 734

रमलू नै लाटरी जीती,

पंडित ने कहा कुछ भगवान् को भी दो ...

रमलू नै सारे रूपये हवा में उडाये और बोल्या "राम जी तनै जितने चाहिए राख ले, जो नीचे गिरेंगे वो मेरे...

[19/06, 6:43 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 735

दादा:- "पढाई किसी चाल रयी सै


रमलू :- दादा वा तै चालदी चालदी मैरे

तै घणी दूर जा ली

[19/06, 6:49 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 736

रमलू-देश का कूड़ा हो लिया ।

कमलू-सारी हाण चौभे मत ठोकया कर।

रमलू- उस दिन मानैगा जब तेरे वारंट आ लेंगे।

[19/06, 6:53 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 737

सीनियर प्रोफेसर डॉक्टर--क्या पेशेंट बेड नंबर 23 को होश आ गया ?

जूनियर डॉक्टर (कोटा टॉप )--

       क्या वो बेहोश था !  मेने तो उसका पोस्टमॉर्टम करवा दिया है।

[19/06, 7:03 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 738

रमलू के छोरे नै बूझ्या  - बाबू  टेलीफोन के तार इतने उंचे क्यों होते है ?


रामलू नै कहया - बेटा ! इसलिए कि उनमें आने वाली बात को कोई सुन न ले |

[20/06, 4:58 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: रमलू कमलू तैं-- जै कोये घणी दारू पीवै सै तो उसनै डाँटो मत।

कमलू-- और के करां?

रमलू-- उसकी--बस दारू पी ल्यो!

⚖️याद रहवै -- हमनै बीमारी तैं लड़ना सै --बीमार तैं नहीं⚖️

[20/06, 5:01 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 740

रमलू कमलू तैं: तुम एक हाथ तैं कार चला सको सो?

कमलू: क्यों नहीं !

रमलू: तो न्यों कर एक हाथ तैं अपनी नाक साफ़ करले । घणी वार की बहन लागरी सै।

[20/06, 5:01 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: धमलो रमलू की कान्हीं कुछ देर देखे पाछै बोली: थाम चाहे कुछ भी हो पर झूठे कति नहीं सो।

रमलू: तनै क्यूकर बेरा पाट्या?

धमलो : थाम ही तो शादी तैं पहलम कहया करदे अक थाम मेरे पति बनने लायक नहीं सो ।

[21/06, 5:16 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 742

मास्टरजी कक्षा में रमलू से पूछता है।

.

मास्टरजी - समुन्दर में नींबू का पेड़ हो 

तो तुम नींबू कैसे तोड़ोगे?

.

रमलू - चिडि़या बणकै ।

.

मास्टरजी - तुझे चिडि़या तेरा बाप बनाएगा?

.

रमलू --समुन्दर में पेड़ के आपका बाबू  लावैगा ?

[21/06, 5:17 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 743

रमलू :– कुत्ता आया सै धमलो जा एक रोटी लिया । 

धमलो  :– रोटी तो कोण्या ---


रमलू :– तो लठ लिया खाली कोण्या जाण देवां। ।

[21/06, 5:18 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 744

मैडम क्लास का group photo बच्चों को दिखाकर 

बोली- जब तुम बड़े हो जाओगे तो इस photo को 

देखकर कहोगे., 

ये रहा कमलू जो अमेरिका चला गया., 


ये रहा ठमलू जो London चला गया., और ये रहा 

रमलू जो यहीं का यही रह गया.. ये बात सुनकर 


रमलू बोल्या - और या रही म्हारी मैडम जिनका देहांत 

हो गया.. 

 दे चप्पल---दे चप्पल--- दे चप्पल----

[21/06, 5:23 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 745

मास्टरजी  – “मेरे पापा काम पर गए हैं” – इसका future tense बताओ ?

रमलू – वो कल भी जायेंगे ….. किसी के बाप में हिम्मत हो तो रोक के दिखाए ….!!!

[21/06, 5:27 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 746

रमलू नै बाबू ताहीं कहया, ”डॉक्टर नै  कहया  था अक  दो हफ्ते  मैं मनै  पैरों पै  खड़या  कर देगा।”

बाबू बेटा रमलू के वो कर पाया ?”

”हां, बाबू उसका बिल भुगतान की खातर मनै  अपनी कार जो बेचनी पड़ी |

[21/06, 6:46 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 747

एक फन्ने खां शहरी हरयाणा  के  एक गाम मैं पहोंच गया| उसकी गलत फहमी थी अक गामोली माणस सिंपल से हुया करैं अर उनका बेकूफ आसानी तैं बनाया जा सकै सै  | उसनै रमलू पै उसकी झोटा बुग्गी मैं लिफ्ट मांगी अर बोल्या अरे भाई मुझे सिंघापुर जाना है  | तेरी झोटा बुग्गी ले चलेगी मुझे वहां ??रमलू बोल्या --"आ ज्या  बै ठ ज्या " या बात सुन कै एक बार तो हैरान रह गया  फेर बूझ या  कहाँ बैठूं ??

इतनी सु न कै रमलू बोल्या -" आ ज्या  झोटे के दोनों सींगों के बीच मैं आ कै बैठ ज्या , सैड दे सी पहोंच ज्यागा सिंघापुर |

[21/06, 6:48 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 748

एक बूढ़े पहलवान नै भीड़ को संबोधित करते होयें कहया ,

" मेरे मैं इबी उतनी ए ताकत सै जितनी जवानी के दिनों 

मैं थी |"

"वा क्यूकर ?" एक माणस नै बूझ ली |

" वो बड़ा सा पत्थर देखो सो ना | मैं उसनै  जवानी मैं बी

 ठाया  करदा अर  इबी  ठाऊँ  सूँ   | वो ना तो  जवानी मैं  

उठया अर ना बुढ़ापे मैं |"

[23/06, 6:35 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 749

रमलू-- ये बीमा आले बड़े कमाल के होंसैं।

कमलू--क्युकर?

रमलू--दूसरे की बीवी धोरै बैठ कै उन ताहिं उनके पति के मरण पाछै होवण आले फायदे समझावैं सैं ।

[23/06, 6:43 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 750

एक बार बस के कंडक्टर ने रमलू से पूछा- तुम हर रोज

दरवाजे के पास ही खड़े रहते हो तुम्हारा बाप

चौकीदार है क्या?

***********

रमलू के घाट था 

***********

रमलू बोल्या --तुम हमेशा मुझसे पैसे मांगते रहते हो, थारा बाप  भिखारी सै के ?

751 से 779

 [23/06, 6:50 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 751

पूजा करवा रहे पंडित जी नै गृहणी तैं कहया - "बोलिए जै शंकर "|

"शंकर " उस गृहणी के पति का नाम था | वा भला उसका नाम क्यूकर लेंती ?

बोली -" मुन्ना के पापा की जै |"

--

[23/06, 6:50 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 752

रमलू अपनी पत्नी और ग्यारह बालकों के साथ सर्कस देखण गये लाल किला मैदान के धोरै पहोंचे | एक हरयाणा का सिपाही टकर ग्या |चौराहे पै उस सिपाही नै रोक लिया | रमलू  नै छोह मैं आ कै बूझ्या ," आखिर म नै करया के सै ?"

" कुछ ना कुछ पवाडा तो रचे राख्या सै जो या इतनी भीड़ तनै घेर री सै |" सिपाही नै अकड़ कै कहया |

[23/06, 6:51 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 753

अंडा अर सते 

एक ग्राहक नै अंडे बेचन आले सते तै बूझ लिया ," के तनै कदे सोच्या सै अक इस अंडे महां तैं बच्चे लिकडें क्यूकर सें ? सते बोल्या, " हाँ सोच्या तो सै | इस बात पर मनै अचरज भी होवै सै अक यो बच्चा अंडे कै भीतर बडै क्यूकर सै ?

[23/06, 6:51 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 754

दो घूँट  

मेजर - ''इतनी क्यों  पिया करै  ? तनै  बेरा सै  अक  जै  तेरा रिकाट ठीक रह्या होन्ता तो ईब ताहिं तूँ सुबेदार होग्या होन्ता । ''जवान - ''माफ करियो  सर जी , असल मैं बात या सै अक जिब मेरै भित्तर दो घूँट पहोंच ज्यावें सै तो मैं अपने आप नै कर्नल समझन लाग्जयां सूँ ।

[23/06, 7:02 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 755

धमलो रमलू  तैं कहन  लाग्गी.... अक तू 

हुक्का मत पिया कर।


रमलू  बोल्या रै बावली तन्नै  के पता की इसमे 

तीन देवता निवास करैं सैं...


नीचे जल देवता ..

बीच में पवन देवता ..

और 

ऊपर अग्नि देवता..


अब रमलू  हुक्का पीवै है...  अर धमलो  हाथ जोड़ के बैठी रहै सै

[25/06, 5:02 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 756

धमलो ने गैस धीमी करकै कुकर चढ़ाया अर रमलू तैं  कहया -  सीटियां गिणता रहिए अर तीन बाज ज्यां तो गैस बंद कर दिये। 

रमलू- 145 सीटी बाजली फेर इबै तो एकै बाज्या सै।

[25/06, 5:05 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 757

एक बै एक जनैत जीमण लाग री थी। सबकी

पातल (प्लेट) में लाडडू धरे थे। एक ताऊ रह

गया।

कई बार हो गी।

ताऊ ने लाडु ना मिला।

हार के ने ताऊ छात की ओर मुँह करके बोल्या

– राम करे के छात पड़ ज्या। अर सारे दब के मर

ज्या।

एक जना बोल्या -हां ताऊ,जे या छात

पड़ेगी तो तू क्यूकर बचेगा?


ताऊ बोल्या – इब बी तो बच रया सु

[26/06, 6:15 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 758

kulha

एक बै  दो बड़ी सी उम्र की लुगाई गाम के बस अड्डे प बस की बाट मे बैठी थी |

घनिये वार हो ली अर बस ना आई |

एक बोली - आंहे कितनी वार होली बेठे बेठे मेरा त कुल्हा सोग्या।

दूसरी बोली- हां खर्राटे तै मनै बी सुने थे।

[29/06, 6:36 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 759

हरियाणवी स्टाइल

एक बार  रमलू भाई अपनी एक नई रिश्तेदारी में चल्या गया, साथ में उसका दोस्त भी था। नई रिश्तेदारी थी, खातिरदारी में फटाफट गरमा.गरम हलवा हाजिर किया गया। दोनों सफर में थकगे  थे, भूख भी करड़ी  लाग रही थी। हलवा आते ही दोनूंआं नै चम्मच भरी और मुंह में गरमा.गरम हलवा धर लिया। ईब इतना गरम हलवा ना निगल्या जा अर ना बाहर थू क्या जा।

बुरा हाल हो.ग्या, आंख्यां में आंसू आ.गे।

दोस्त ने हिम्मत करी और बोल्या, ‘चौधरी के होया’

रमलू  बोल्या- भाई, जब घर तैं चाल्या था तै थारी चौधरण बीमार.सी थी बस उस की याद आ गी।

 दोस्त की आंख्यां में भी और भी पाणी देख कै रमलू  बोल्या-  तेरै के होया । दोस्त  बोल्या चौधरी  मन्नै तै लाग्गै सै चौधरण मर ली।

[29/06, 6:43 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 760

रफा दफा

दरोगाजी ने अपने बेटे से पूछा – “इतने कम नंबर क्यूँ आये ? आज से तेरा खेलना, टीवी देखना सब बंद !”


बेटा बोल्या – “पापा, ये लो 250 रुपये और बात नै रफा दफा करो

[29/06, 6:43 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 761

कोर्ट से बाहर

एक जज नै कहया : इतना मामूली सा झगड़ा तो थाम कोर्ट के बाहर भी निपटा सकते थे ।


आरोपियों में तै एक सैड दे सी बोल्या : हम कोर्ट के बाहर ही निपटावन लागरे थे अक पुलिस हमनै झगड़ा करने के इलजाम में यहां पकड़ ल्याई ।--

[29/06, 6:44 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 762

नंबर 4

एक दिन प्रेमिका ने मौका पाकर अपनी प्रेमी का मोबाइल चैक किया कि उसने किस नाम से उसका मोबाइल नंबर सेव किया है.


इसके लिए उसने अपने मोबाइल से प्रेमी के मोबाइल पर मिस काल किया तो उसमे लिखकर आया -


कालिंग बेकूफ नंबर 4

[29/06, 6:44 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 763

माँ आली

कविता रमलू नै बोली - कोए इसी बात कर रमलू अक मेरा दिल जोर-जोर तैं धड़कन लागज्या !


रमलू - पाछै मुड़ कै देख तेरी माँ आवन लागरी सै!!!!

[29/06, 6:45 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 764

बहन

मलिका शूटिंग के लिए एक 

स्टेसन पर आती है 

एक भिखारी आ जाता है

भिखारी --बहनजी एक रूपया देदो 

मलिका ने उसे 1000 रूपये दी दिए 

सैकटरी--- 1000 क्यूं दे दिए ?

मलिका -- पहली बार किसी ने बहन कहा

[29/06, 7:04 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 765

बाबु के साहमी

रमलू अपने बाबू के सामने सिगरेट पी रहा था |

लोग बोले --रमलू तुम अपने बाप के सामने सिगरेट क्यों पी रहे हों ?

रमलू बोला- ये मेरा बाबू ही तो है कोई पट्रोल पम्प तो सै कोनी

[29/06, 7:05 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 766

छलक जाती

डॉक्टर डॉक्टर आपको मेरी मदद करनी पड़ेगी | मैं अपने हाथों को हिलने से नहीं रोक पाता|

डॉक्टर -- क्या बहुत ज्यादा पीते हो ?

मरीज ---असल में नहीं | बहुत सारी तो छलक जाती है |

[29/06, 7:08 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 767

ऑक्सफोर्ड

अध्यापक --- ऑक्सफोर्ड (OX FORD) का क्या मतलब है ?

विद्यार्थी --- ऑक्स (OX) का मतलब बैल और (FORD) का मतलब गाड्डी

[29/06, 7:09 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 768

डर

डॉक्टर -- आप डरिए मत मैं हूँ ना !

मरीज -- वही तो मेरा सबसे बड़ा डर है डॉक्टर

[29/06, 7:10 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 769

पहला सै

मरीज --डॉक्टर मेरा यूं पहला औपेरसन सै माड़ा ध्यान तै करियो 

डॉक्टर -- डरे मतना यूं मेरा भी पहला ए औप्रेसन सै

[29/06, 8:00 pm] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 770

रमलू के जन्म दिन पै धमलो नै बूझ्या-- थामनै के गिफ्ट चाहिए?

रमलू नै मन मन में सोची अक कार मांग लयूं ।

उसनै सहज सी कहया-- मनै इसी चीज खरीद कै दयो जिस पर मेरे सवार होंते ए वा 2 सैकेंड मैं 0 तैं 80 पै पहोंच जावै ।

धमलो नै सांझ कै ए वजन कांटा ल्याकै गिफ्ट मैं दे दिया।

रमलू माथे मैं हाथ मारकै बोल्या-- दो चंदे बाध होली धमलो।

[30/06, 6:15 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 771

kunvare so ke

एक दिन रमलू को एक अनजान फोन नंबर से फोन आया --फोन पै एक छोरी बोली हैलो थाम कुंवारे सो के ?  

रमलू बोल्या --हाँ कुंवारा सूँ फेर थाम कौन बोलो सो ? 

जवाब आया -- मैं था री घराली प्रेमो बोलूं सूँ ,आ घर नै फेर बताऊँगी | 

थोड़ी सी वार मैं फेर फोन आया अर एक छोरी बोली --थाम शादी शुदा सो ? 

रमलू बोल्या --हाँ फेर थाम कौन बोलो सो ? 

लड़की -- मैं थारी गर्ल फ्रैंड ! धोखेबाज !!! 

रमलू--सॉरी डार्लिंग मनै सोच्या मेरी घराली प्रेमो है | 

लड़की-- प्रेमो ए सूँ| घरा आ एक बॅ फेर बताऊँगी |

[30/06, 6:19 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 772

लाइसेन्स

नेता जी: रमलू का ड्राइविंग लाइसंस बना दयो

अफसर : यह तो अँधा है बिल्कुल

नेताजी : फेर इसनै तो गाड्डी चलानी चलानी है , बचने का काम तो

आगले का है

[30/06, 7:19 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 773

कमलू--अरेंज मैरिज मैं तलाक कम क्यों होंवैं सैं?

रमलू-- क्योंकि जो अपनी मर्जी तैं शादी ताहिं नहीं कर सके वे तलाक के खाक करैंगे?

[01/07, 6:29 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 774

एक बार रमलू की अर उसकी  घर आली प्रेमो की आपस मैं लड़ाई होगी | रमलू नै मरण  खातर बाजार मैं तैं जहर ल्या के खा लिया पर रमलू मरया कोण्या| रमलू की घर आली छोह मैं आ के बोली --- मनै कितनी बर कह राख्या है अक जो बी चीज खरीदै आच्छी ढाल देख्कै खरीद्या कर , इब रपीए बी लग्गे अर जिस काम खातर ल्याया था वो काम बी कोण्या हुया |

[02/07, 6:04 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 775

रै कमलू एक बात तो सै भाई--

कमलू-रै रमलू के?

रमलू-स्कूल तैं लेकै हॉस्पिटल ताहिं सबनै प्राइवेट पसन्द सै, बस जमाई सरकारी चाहिए सै।

[02/07, 6:13 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 776

C ग्रेड

रमलू नै ब्लड टेस्ट करवाया। रिपोर्ट मैं आया A+

रमलू नै या सोच कै बड़ा अचंभा हुए अक कामयाबी 

तो रग रग मैं दौड़ मार रही सै तो स्कूल मैं C ग्रेड

 क्यों मिलता रहा?

[03/07, 6:43 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 777

रमलू  -पहलम  मैं अपनी बीवी नै  बीए करवाऊँगा 

फेर एम ए और पीएचडी और फिर अच्छी सी नौकरी दिवाऊंगा 

कमलू  बोल्या - अर फेर आच्छा सा रिश्ता देखकै  उसका  ब्याह भी करवा दिए ।

[04/07, 6:20 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 778

एक ट्रेन बहुत देर बाद चली।

मुस्लिम बोला: या अली बला टली। 

हिंदु बोला: जय बजरंग बली। 

रमलू बोला: अरे अली और बली, ट्रेन अपनी नहीं, साथ वाली चली।

[04/07, 6:21 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 779

सत्संग चल रहा था


पंडित जी बता रहे थे

जो नर है वो अगले जन्म में भी

नर ही बनेगा और जो नारी है

वो अगले जन्म में भी नारी ही

बनेगी ! धमलो उठकर जाने लगी तो पंडित जी ने पूछा क्या हुआ?

धमलो बोली - जब अगले जन्म में भी रोटियां ही बनानी है तो सत्संग सुनने का क्या फायदा?

780 से 809

 [04/07, 6:21 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 780

~एक बार एक सरकारी स्कूल का "गुरुजी" अपनी गाड़ी में कही जा रहा था और सामने से एक झोटा बुग्गी वाला आ रहा था। मास्टर जी उसको पहचान गए क्योंकि वो मास्टर जी का student रमलू था ।


मास्टर जी ने अपनी गाड़ी उसकी झोटा बुग्गी के पास रोकी और उसकी तरफ बुरा सा मुँह बना कर टोंट कसा,"अरय झोटा बुग्गी चलावै सै ?"


रमलू भी अपने गुरुजी का ही सच्चा चेला था बोला,"ओर तेरे पढ़ाये होड़ जहाज चलावैंगे? "

[04/07, 6:23 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 781

माँ (रमलू  से)- तूँ  रोवै  क्यों सै  ? 

रमलू - मेरे मास्टर जी बहुत बीमार थे, वे .... 

माँ - के  वे मर गए? 

रमलू - नही, वे ठीक हो लिए ,अर  काल तै  स्कूल आवन आले सैं ।

[04/07, 6:27 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 782

रमलू  नै  चैलेंज किया अक  वो  कुतुब मीनार को सिर पर रख कर मुंबई ले जा सकता है।

इस पर सारी मीडिया वहां पहुंच गई।

तब रमलू  नै  मीडिया से कहा: बस कोई कुतुब मीनार ठाकै  उसके सिर पर धर  दे।

[04/07, 6:38 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 783

रमलू तुम इस लड़की को जानते हो ?

हां , कभी मैं इसके साथ सोया करता था

अच्छा ! कब ? कहां ?

जब मैं स्कूल में पढ़ता था , साइंस की क्लास में !

[05/07, 6:14 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 784

रमलू  फिल्म ‘धूम-2’ देखने सिनेमा हॉल गया। जब फिल्म खत्म हुई, तो सारे लोग हॉल से बाहर आ गए, लेकिन रमलू  आराम से अपने सीट पर बैठा रहा। थोड़ी देर बाद सिक्योरिटी गार्ड आए और उससे पूछा, ‘अभी तक बाहर क्यों नहीं गए।’ 

जवाब में रमलू  कहता है, ‘फिल्म के अंत में कहा गया था कि धूम-3 जल्दी ही आ रही है। बस उसी का इंतज़ार कर रहा हूं।’

[05/07, 6:19 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 785

रमलू कमलू  पेपर देने के बाद लड़ रहे थे।

सर: तुम लोग क्यूं लड़ रहे हो।

रमलू : यह पागल पेपर खाली छोड़ कर आया है।

सर: तो क्या हुआ।

कमलू : क्यूंकि मैं भी तो पेपर खाली छोड़ कर आया हूं,अब टीचर को 

लगेगा कि हम दोनों ने नकल की है।

[05/07, 6:20 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 786

तीन कीड़ी  रास्ते में बैठकर बातें कर रही थीं कि अचानक उस रास्ते से हाथी गुजरता हैं। 

वहां बैठी एक कीड़ी  हाथी से बोली- ऎ हाथी मुझसे कुश्ती लडोंगे। 

बाकी कीडियाँ - अरे रहने दो यार बेचारा अकेला हैं।

[06/07, 6:34 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 787

रमलू (बीबी को मायके में फोन पर कहता है ) —

अपना ध्यान रखना, सुना है बहुत डेंगू फैल रहा है ।।।


धमलो (सिर पकड़ के)–

मेरा सारा खून तो थामनै पी लिया, मच्छर के “रक्त दान” करण नै आवैगा??

[06/07, 6:46 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 788

शिक्षक: MATHS का फुल फॉर्म बताओ..??

रमलू : मेरी आत्मा तनै  हमेशा सतावैगी ..!

शिक्षक  आज तक सोच रहा है…कि लड़के ने फुल फॉर्म बताया था कि बददुआ दी थी..

[07/07, 6:29 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 789

रमलू ज्योंहि कालेज मैं पहोंचया तो खुशी का मारया उछलण लाग्या।

कमलू:के हुया ?इतना राज्जी क्यों होरया सै?

रमलू: आज मेरे तैं पहली बरियाँ किसे छोरी नै मेट्रो मैं बात करी।

कमलू:वह भाई क्या बात हुई!

रमलू: मैं बैठ्या था, वा आकै बोली, "उठो , यह लेडीज सीट है।"

[07/07, 6:34 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 790

धमलो: हम कड़ै जावण लागरे सां?

रमलू: लोंग ड्राइव पर।

धमलो: थामनै मेरे ताहिं पहलम क्यों नहीं बताया?

रमलू: मनै भी इबै ए बेरा लाग्या सै, जब ब्रेक फेल होगे।

[07/07, 7:09 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 791

निचोड़ने तैं मरगी

सर्दियों में एक दिन रमलू  बिल्ली नै  ठंडे पानी तैं  नुहावै  था।

कमलू - यो के करै  सै ? इतने जाड्डे मैं  ठंडे पानी तैं वा  मर ज्यागी ।

(रमलू  जब वापस लौटा तो सचमुच बिल्ली मरी हुई थी)

कमलू - मैंने कहया  था ना अक  मर ज्यागी ।

रमलू - अरे यार, या नुहावण तैं नहीं मरी, बल्कि नहलाने के बाद निचोड़ने तैं  मरगी ।

[08/07, 12:43 pm] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 792

रमलू : मेरी शराफत देखो ..

मैंने तुम्हे देखे बगैर ही शादी कर ली ...

धमलो : मेरी शराफत देखो....

मैंने देख कर भी इन्कार नहीं किया...

[08/07, 12:45 pm] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 793

रमलू : सुनो जी, अगर आपके बाल इसी रफ़्तार से झड़ते रहे तो मैं तुम्हे तलाक़ दे दूँगा!!

धमलो : हे राम ! और मैं पागल इनको बचाने की कोशिश कर रही थी.....

[08/07, 12:57 pm] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 794

एक चोर रमलू का मोबाइल लेकै भाज लिया -----

रमलू हंसण लागग्या --

कमलू --- वो तेरे मोबाइल नै लेकै भाजरया अर तूँ हंसण लागरया सै ??


.

.

.

.

.

.

.

रमलू -- भाजण दे -- चार्जर तो मेरे धोरै सै ।

[08/07, 12:58 pm] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 794

अम्बानी रमलू आम्हा साहमी 

आखरी तोड़ 

अम्बानी -- अगर मैं सुबह से अपनी कार में निकलूं तो शाम तक अपनी आधी प्रॉपर्टी भी नहीं देख सकदा -------

रमलू -- म्हारे धोरै भी ईसीए खटारा कार थी --- हमनै तो बेच दी .।

[08/07, 12:59 pm] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 795

रमलू सारी जिंदगी सोचता रहया

अर सोचता रहया अर सोचता रहया

अर बहोतै घणा सोचता रहया

सोचते सोचते मरग्या अक मेरी बहन

के दो भाई सैं तो मेरा एक क्यूँ ?

[08/07, 12:59 pm] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 796

कमलू  रमलू तैं -- यार तूँ इतना बड़ा  हो लिया और फेर भी तेरै मूंछ अर दाढ़ी नहीं आयी ?


.

.

.

.

.

.

.रमलू -- यार मैं बिलकुल अपनी माँ पै  गया सूँ  ना ।

[08/07, 12:59 pm] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 797

टीचर : बहुत तेज़ हवओ के साथ बारिश हो रही है…!! 

इसका भविष्य काल बताओ???

 रमलू  : बस ईब लाइट जावण आली सै …!!

[08/07, 1:01 pm] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 798

डॉक्टर : कल रात को क्या खाया था??

रमलू  : बर्गर, पिज़्ज़ा और कोक..

डॉक्टर : देखो यह फ़ेसबुक नही है सच बताओ..

रमलू : जी लौकी..

[08/07, 1:01 pm] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 799

रमलू  पेंटिंग खरीदने गया…

सेल्समैन:

यह 10 हजार रुपये की है।

आईल पेंट से बनी हुई है।

रमलू :

पैसों की चिंता मत कर।

देसी घी में कुछ दिखा….!

[08/07, 1:02 pm] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 800

रमलू …… दिल्ली चला गया

रेलवे स्टेशन पै अखबार आले तैं  बोल्या :-

एक अखबार दिए …

अखबार वाला-हिन्दी या अंग्रेजी का?

रमलू ….. भाई कोईसा दे दे

मनै  तो रोटी लपेटनी सै

[08/07, 1:02 pm] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 801

टीचर: थामनै बेरा  सै अक  म्हारे  पूर्वज बान्दर थे?


रमलू : थारे होंगे, महारे तो चौधरी थे।

[08/07, 1:03 pm] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 802

रमलू  : बापू एक खुशखबरी सै

बापू : के?

रमलू  : तूने कही थी के पास

होग्या तो गाड्डी  दुवाऊँगा

बापू : हाँ

रमलू  : रुपिये बचगे तेरे..

[09/07, 6:58 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 803

मास्टरजी ---आप ब्रेकफास्ट में क्या नहीं खा सकते ?


रमलू  का जवाब ---लंच और डिनर  ।

[09/07, 6:59 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 804

टीचर : लड़कियों से 

दोस्ती नहीं करोगे!

बच्चे : नहीं करेंगे।

टीचर : वतन के लिए जान 

दे दोगे!

बच्चे : दे देंगे, ऐसी जिन्दगी 

का करेंगे भी क्या

[09/07, 7:07 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 805

डॉक्टर

डॉक्टर रमलू मरीज से~अगर तुम मेरी दावा से ठीक हो गए तो मुझे क्या इनाम दोगे

रमलू~साहब मैं तो बहुत गरीब आदमी सूँ कब्र खोदया करूँ आपकी फ्री में खोद दयूंगा

[09/07, 7:08 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 806

फीका सै

शादी की पार्टी मैं रमलू अपने कई गामौलियां की साथ जारया था । प्लेट में टिशु पेपर देख सोच्या अक यो भी खावण की चीज सै।

ज्योंहे मुँह मैं घालण नै हुया तो सरे गमौली चिल्लाये -- यो मत खा यो फीका सै।

[09/07, 7:09 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 807

ब्रत

रमलू नै शौक शौक मैं ब्रत राख लिया ।

वो अपने छोरे तैं बोल्या --देखिये रै सूरज डूब लिया के? 

छोरा -- ना बाबू इबै तो लिकड़ रहया सै।

थोड़ी सी वार पाछै फेर बोल्या-- देख डूब्या अक नहीं ?

छोरा -- कोन्या डूब्या बाबू ।

रमलू-- लागै सै मनै गैल लेकै डुबैगा झकोई ।

[09/07, 7:10 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 808

Ramloo

रमलू की एक कसूती आदत सै

,,,,,

----

कोए सौण लागरया हो तै उसनै जगा कै बूझैगा --- ऐं रै सोवै था के ?

[09/07, 7:11 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 809

रमलू नया फ़ोन लेकै आया 

उसनै अपने दोस्त कमलू का नंबर डाइयल करया तो वो एक लड़की नै उठाया -- हेल्लो 

रमलू- कौन बोल्या जी ?

लड़की- मैं राधा बोलूँ सूँ।

रमलू- ओह योतै कृष्ण की घरआली का मिलग्या। सॉरी माता ।

810 से 844

 [09/07, 7:12 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 810

Ramloo

एक बर की बात अक रमलू रोहतक अपने चाचा धोरै जारया था। चाचा की भैंस खूगी। रमलू टोहन्ता टोहन्ता एक पार्क मैं बड़ग्या। उड़ै एक छोरा अपनी प्रेमिका की आंख्यां मैं देख कै बोल्या -- ज्यान मनै तेरी आंख्यां मैं पूरी दुनिया दीखै सै। रमलू उसतै बोल्या- भाई देख कै तावला सा बता चाचा आली भैंस कितसी सै?

[09/07, 7:13 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 811

एक बार रमलू  ने सार्वजनिक स्थान पर भैंस बाधने के लिये खूंटा गाड़ राख्या  था। दुसरे  गाँव आल्याँ  नै  खूंटा उखाड़ने का अनुरोध करया  पर  रमलू  नै बात नहीं मानी। अन्त में पन्चायत बुलायी गयी।


पन्चो नै रमलू  तैं  कहा -तनै  खूंटा गलत जगह गाड़ राख्या  सै ।

रमलू - मानता हूँ भाई।


पन्च- खूंटा यहाँ नहीं गाड़ना चाहिए था।

रमलू - मान्या  भाइ।


पन्च- खूंटे से टकरा कर बच्चों को चोट लाग  सकै  है।

रमलू - मानता हूं।


पन्च- भैंस  सार्वजनिक स्थान पर गोबर करती है, गन्दगि फैलै  सै ।

रमलू - मानता हूं।


पन्च- भैंस  बालकां  कै  सिन्ग पुन्छ भी मार दे सै ।

रमलू - मानता हूं,

मनै  थारी  सारी  बात मानी। इब  पन्च लोगों मेरी एक ही बात मान ल्यो ।


पन्च- बताओ अपनी बात!!!

रमलू - खूं टा  आड़े ऐ गडैगा ।।

[10/07, 6:25 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 812

एक बार रमलू फौजी घर छुटटी आया ।


उसने घर आकर एक गाय  खरीद ली।

रमलू फौजी जब भी गाय को खोलता तो हर बार रमलू  के हाथ से छूटकर भाग जाती ।

एक दिन रमलू  ने गाय  को बहुत मारा ।रमलू  की पत्नी बोली इतना मत मारो नही तो यह दूध नही देगी ।


रमलू  बोल्या  – साला मुझे दूध नही चाहिऐ… Discipline चाहिऐ – Discipline.!!

[10/07, 6:25 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 813

कमलू का सवाल - बेबस लाचार होना किसे कहते है?


रमलू का जवाब - आस्था चैनल चालरया  हो अर  रिमोट खुज्या ॥।

[10/07, 6:26 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 814

टीचर : “कौनसा पंछी सबसे तेज़ उड़ता है?

रमलू  : “सर, हाथी।

टीचर : “नालायक, तेरा बाप क्या करता है?

रमलू  : “दाउद के गैंग में ‘शूटर सै ।

टीचर : “शाबाश।

लिखो बच्चो ‘हाथी’।

[10/07, 6:35 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 815

रमलू सिनेमा देखने गया । इंटरवल के बाद अँधेरे में अपनी सीट की ओर लौटते हुए किनारे की सीट पर बैठे दर्शक से कहा "  भाई साहब क्या बाहर जाते वक्त मैंने आपका पैर कुचल दिया था? 

दर्शक ~"( गुस्से में ): हाँ कुचला था ,अब क्या माफ़ी के लिए पूछ रहा है ?

रमलू ~ नहीं भाई इसका मतलब मेरी सीट इसे लाइन में है ।

[10/07, 6:35 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 816

नर्स- बधाई हो: आपके जुड़वा बेटे हुए हैं. 

रमलू : ये तो होना ही था. 

नर्स- क्यों? 

रमलू : जब देखो केबीसी पार्ट-2 देखती रहती थी, 

मिल गया न उम्मीद से दोगुना।

[10/07, 6:36 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 817

रमलू : मेरी बीवी मुझे छोड़ के चली गई. 

कमलू : तू उसका ख्याल नही रखता होगा. 

रमलू : अरे यार, सगी बहन की तरह रखता था.

[11/07, 4:48 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 818

रमलू अपने दोस्त कमलू से - 

आज तब तक पीयेंगे जब तक 

वो सामने वाले तीन पेड़ छह नहीं दिखने लगें।


बगल से जा रहा ठमलू बोला- 

बस करो कमीनो….

सामने एक ही पेड़ है….

अब क्या जंगल बनाओगे…!!!

[11/07, 4:49 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 819

रमलू - अंकल डिटॉल साबुन है क्या?


दुकानदार (नाक से ऊंगली निकालते हुए) - 

हां बेटा, है ना!


रमलू  - तो फिर हाथ धोके एक क्रीमरोल दे दो…!!!

[11/07, 4:49 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 820

चार लोग ट्रेन के पीछे भाग रहे थे...

दो चढ़ गए,

तो ट्रेन में लोगों ने कहा - 'वेल डन'


रमलू - क्या खाक 'वेल डन'

जाना तो उन्हें था, हम तो छोड़ने आये थे!!

[12/07, 7:50 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 821

डॉक्टर- अब क्या हाल है?

रमलू मरीज- पहले से ज़्यादा खराब है.

डॉक्टर- दवाई खाली थी क्या?

रमलू- नहीं दवाई की शीशी तो भरी हुई थी. 

डॉक्टर- मेरा मतलब दवाई लेली थी?

रमलू- आप ने दी तो मैंने लेली.

डॉक्टर- बेवकूफ दवाई पीली थी?

रमलू- नहीं दवाई तो लाल थी. 

डॉक्टर- गधे दवाई को पी लिया था?

रमलू- नहीं जी पीलिया तो मुझे था.

डॉक्टर- बेहोश.

[12/07, 8:00 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 822

मास्टर : 15 फलों के नाम बताओ..??

रमलू : अमरुद..!

मास्टर : शाबाश..!

रमलू : आम..!

मास्टर : साबाश

रमलू : सेब..!

मास्टर : बहुत बढ़िया 3 होगे

बाकी 12 और बताओ

.

रमलू :

एक दर्ज़न केले ..!!

[12/07, 8:10 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 823

बापू अपने कुंवारे बेटे रमलू से - बेटा बाहर देख गली मे ढोल किसके बज रहे हैं?


 रमलू - जिसके मां-बाप समझदार हैं, उनके बज रहे हैं।


फिर क्या, रमलू को 130 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ती हुई चप्पल मिली।

[12/07, 8:10 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 824

अध्यापक - किसी ऐसी जगह का नाम बताओ,

 जहां पर बहुत सारे लोग हों, 

फिर भी तुम अकेला महसूस करो? 

.

.

.

रमलू छात्र - परीक्षा कक्ष! 


अध्यापक बेहोश!

[13/07, 6:42 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 825

बॉय फ्रैंड  नै गर्ल फ्रैंड ताहीं कहया -- मैं तेरे तैं जब ब्याह करूंगा  जब तूं कोए हिम्मती काम करकै दिखावैगी | गर्ल फ्रैंड -- तेरे तैं ब्याह करण तैं हिम्मती काम और के हो सकै सै ?

[13/07, 6:43 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 826

छोटा गुजराती बोल्या -- रात नै मैं एक चोर नै चाकू दिखा कै लूट लिया | रमलू --- न्यूं क्यूकर ? तेरे धोरै तो गन हुया करै ?


छोटा गुजराती बोल्या--- वा तो मनै  ल्ह्कोली थी अक कदे बन्दूक नै भी ना लूट ले।

[13/07, 6:44 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: रमलू ठमलू नै हिंदी का होम वर्क कोनी करया । हिंदी के अध्यापक नै उनको पेड़ पर उल्टा लटकाने की सजा दे दी । थोड़ी देर लटकने के बाद रमलू नीचै पड़ग्या । हिंदी अध्यापक -- थक लिया के ?

रमलू -- थक्या कोनी । पूरा पाक लिया ।

[13/07, 6:54 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 828

कमलू : यू  सदाचार के  होसै ?

रमलू : जिसा  आम का अचार होसै , उसा ऐ  सादा आचार होसै !

[14/07, 5:15 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 829

टीचर रमलू से- पांच में से पांच घटाने पर कितने

बचेंगे ??

.

रमलू – नहीं बेरा मैडम.

.

टीचर- अगर तेरे पास 5 भटुरे है, और मैं 5 भटुरे

तुझसे ले लूँ तो तेरे पास क्या बचेगा ??

.

रमलू- …..छोले।

[14/07, 5:18 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 830

बैंक केशियर-- रूपये निकालकर क्या करोगे? कहाँ खर्च करोगे , सब कुछ तो बन्द है? 

रमलू-- काल फेर आऊंगा जमा करावण की खातिर । घरां बैठे बैठे घणा बोर होज्यां सूँ।

[14/07, 6:18 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 831

रमलू ने सिगरेट का पैकेट खरीदा


चेतावनी लिखी थी - धुम्रपान से दस्त हो सकते है|


वापिस दूकान पर गया "ये कौन सा पेकेट दे 

दिया भाई!!??

वो कैंसर वाला ही दे"

[14/07, 12:53 pm] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 832

न्यूयार्क में 2 भिखारी एक ॐ का चिन्ह और दूसरा जीसस का क्रॉस लेकर बैठे थे ।।।

 सब लोग ॐ वाले भिखारी को गुस्से से देखकर क्रॉस पकड़े हुए भिखारी को डॉलर की नोट देकर आगे निकल जाते

 थे।

 कुछ घंटों बाद वहां से एक फादर निकले और उन्होंने ॐ वाले भिखारी से कहा -

भाई...ये क्रिस्चियन देश है,

यहाँ कोई तुम हिन्दू को भीख नहीं देगा...

लोग तो तुम्हे जलाने के लिए क्रॉस वाले भिखारी को और ज्यादा डालर देते जा रहे हैं...

ॐ वाले भिखारी ने क्रॉस वाले भिखारी को देखा और हँसते हुए हरयाणवी में बोला.....

 ....

 ...

 ....

रै कमलू....?

बोल भाई रमलू....!

ईब ये आपां ने सिखावैंगे धंधा कूकर करया करैं सै ???!!😜😜😂😂

[15/07, 6:34 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 833

बैंक मैनेजर- ये कैसे हस्ताक्षर हैं?

रमलू - यह हस्ताक्षर मेरी दादी के सैं.

बैंक मैनेजर- ऐसा अजीब हस्ताक्षर? नाम क्या है उनका?

रमलू- जलेबी बाई.

[15/07, 6:35 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 834

टीटी ने  रमलू को प्लेटफॉर्म पर पकड़ लिया,

टीटी- टिकट दिखा,

रमलू- अरे मैं ट्रेन में आया ए कोण्या,

टीटी- क्या सबूत है?

रमलू- अबे सबूत यही है कि मेरे पास टिकट नहीं है.

[15/07, 6:35 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 835

रमलू का बाबू- कित सै बेटा ? 

रमलू- हॉस्टल में पढ़ण लागरया सूँ , एग्जाम घणे नजदीक सैं, इस करकै घणा पढ़ना पड़ेगा !!! 

थाम कित सो ?

रमलू का बाबू- ठेके पै..तेरे पाछै लाइन में लास्ट में खड़या सूँ, एक हाफ मेरा भी ले लिए..

[15/07, 6:39 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 836

टीचर ने साइंस लैब में अपनी जेब से एक सिक्का निकाला और एसिड में डाला, 

फिर छात्र से पूछा - बताओ कि ये सिक्का घुल जाएगा या नहीं?

रमलू - सर नहीं घुलेगा...


टीचर - शाबाश... लेकिन तुम्हें कैसे पता? 


रमलू - सर अगर एसिड में डालने से अगर सिक्का घुलता तो

आप सिक्का हमसे मांगते, ना कि अपनी जेब से निकालते...!!!

[15/07, 6:41 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 837

रमलू : जी मैं रोजाना क्रिकेट और फुटबाल खेलता हूँ!

फेर वजन तो कम कोणी हुया 

डॉक्टर: कितनी देर खेलते हो?

रमलू : जब ताहिं  मोबाइल की बैटरी खत्म नहीं हो लेंती !!

[15/07, 6:41 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 838

ग्राहक: थारी भैंस की एक आंख तो खराब सै, फेर भी तू इसके  35 हज़ार रुपये मांगन लागरया ?

रमलू : तन्नै भैंस दूध खात्तर चाहिए अक  नैन-मटक्का करण  खात्तर..?????

[16/07, 6:46 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: सरकारी हॉस्पिटल में रमलू खाँसता हुआ अंदर आया. सारा स्टाफ एकदम सतर्क हो गया. सभी ने उस व्यक्ति को पकड़ा और 1 ने मुँह पर कसकर मास्क बाँध दिया. डॉक्टर उसका टेस्ट  करने लग गए वो व्यक्ति छटपटा कर उनकी पकड़ से निकलने की कोशिश करता रहा -- परन्तु उसकी कोशिश नाकाम रही, उसने कुछ बताना चाहा परन्तु किसी ने बोलने भी नही दिया.

उसकी टेस्ट रिपोर्ट आई तो स्टॉफ ने राहत की साँस ली और उसने कहा की उसे कोरोना नहीं है. डॉक्टर ने उससे पूछा कि तुम खाँसते हुए अंदर क्यों आये..?                                   

 रमलू बड़ी मासूमियत से कहा कि मेरे छोटे भाई की बीवी यहाँ नर्स है. मैं उससे मिलने आया था -- मैं जब भी छोटे भाई के घर जाता हूं तो खाँस देता हूँ ताकि बहू समझ जाये की जेठजी आये हैं और वह सिर पर पल्लू रख ले.. !😂😂😂😂😂

[16/07, 6:57 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 840

गणित

रमलू   नै  गणित के अध्यापक तैं  कहया - सर ! अंग्रेजी के अध्यापक तो अंग्रेजी में बात करैं सैं  | आप भी गणित मैं  बात क्यों नहीं...

[16/07, 6:58 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 841

तैरना

अफसर: आप नौसेना में भर्ती होने आये है,और आपको तैरना नहीं आता? 

****

रमलू-- तो क्या हुआ सर! जो वायुसेना में जाते है,उनहे उड़ना थोड़ी  आता है--

अफ़सर का अंतिम संस्कार कल है।

[16/07, 7:16 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 842

गाम में बेइज्जती 


एक बै सत्ते नै  कोई गलत काम कर दिया । पंचायत उसका मुह काला कर कै गधे पै बिठा कै गाम मैं घुमावण लाग-गी ।

राह मैं सत्ते  का घर आया । उसकी बहू उसनै भीत के ऊपर तैं देखण लाग रही थी ।


सत्ते  ठाडू सी  बोल्या - "भागवान न्यूं के देखै सै ? जा-कै चाय चढ़ा ले चूल्हे पै - दो-तीन गळी रह रही सैं, मैं चक्कर मार-कै ईब आया !!"

[16/07, 7:17 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 843

रमलू  की भैंस उसकी मां कै "हाथळ" थी । एक बै मां नै एक 

जरूरी काम खातिर आपणै घरां जाणा पड़-ग्या । वा बदलू तैं

 बोल्ली अक जब धार काढ़ण का टाइम हो तै आपणी बहू नै 

मेरा सूट पहरा कै ले जाइये ।

सांझ के टाइम बदलू की बहू उसकी मां का सूट पहर कै भैंस कै

 नीचै बैठ गई अर बदलू खोर में चून (आटा) मिलावण लाग-ग्या ।

जब बदलू की बहू नै भैंस के थणां कै हाथ लाया, तै भैंस पाच्छे नै

 मुड़ कै देखण लाग्गी । बदलू बोल्या - "के देखै सै बावळी - (धार) 

काढ़ लेण दे, या मेरी ए मां सै" !!

[16/07, 7:17 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 844

पैंतालीस  साल का रमलू गाळ मैं कै जावै था, एक ऊत सा बाळक बोल्या - ताऊ, राम-राम ।

रमलू  नै "ताऊ" कुहाणा कुछ आच्छा-सा ना लाग्या, उसनै कोई जवाब ना दिया अर आगे-नै लिकड़ लिया ।

आगलै दिन वो छोरा फिर बोल्या - ताऊ राम-राम । रमलू  तैं ना रहया गया अर उस छोरे तैं बोल्या - छोरे, तू मन्नै "काका" नहीं कह दे ?

छोरा बोल्या - "काका" कह दूंगा तै के हो ज्यागा ?

रमलू  बोल्या - जै तू मन्नै "काका" कह देगा तै मैं तेरी मां की बगल में चूल्हे धोरै बैठ कै गर्मा-गर्म रोटी खा लूंगा ।

छोरा बोल्या "ले तै, फिर तन्नै मैं "मामा" कह दूं सूं - चूल्हे धोरै बैठ कै, तवे पर-तैं आप्पै तार-कै कत्ती तात्ती-तात्ती रोटी खा लिये"!!

845 से 874

 [16/07, 7:18 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 845

एक बै रमलू   कमलू   तैं बोल्या - चार इसे शहरां के नाम बता जो "पत" पै खतम होते हों ।

कमलू  लाग्या आंगळियां पै गिणन अर बोल्या - सोनीपत, पानीपत, बाघपत अर खरखौदा ।

रमलू  चक्कर में पड़-ग्या, बोल्या - भाई, बात समझ में कोन्यां आई, खोल कै बता - यो खरखौदा कित तैं आँन बड्या ?

कमलू बोल्या - "रै, उड़ै रामपत ब्याह राख्या सै, तनै नहीं बेरा के " !!

[17/07, 5:05 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 846

रमलू- आज बस मैं कंडक्टर नै मेरी बेइज्जती करदी।

धमलो-क्यूँ के बात हुई?

रमलू-मेरे बस तैं उतरते की साथ उसनै कहया- इब तीन सवारी इस सीट पै आ जाओ.

[17/07, 5:06 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 847

रमलू को फांसी की सजा सुनाई

गयी 

.. जज ने पूछा- कोई आखिरी

ख्वाहिश?.

रमलू- जी सै ।

जज - क्या ❓❓

रमलू – मेरी जागां थाम लटक जाओ ।

दिखावे सैं दिखावे ।

[17/07, 5:10 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 848

ट्रैफिक इंस्पेक्टर रमलू  नेशनल हाईवे पै एकला  अपनी मोटरसाइकल पे बैठया  था…!

उसे बख्त  दिल्ली कांही तैं  आंती  हुयी एक कार  नै बॉर्डर क्रॉस करया …!!

रमलू नै   रुकण का इशारा  करया …

और जब कार रुकी तो टहलता हुआ ड्राइवर की खिड़की पर दस्तक दिया…!

एक नवयुवक जो गाड़ी चला रहा था…

उसने शीशा नीचा कर सिर  बाहर निकाल कर पूछा:

“क्या बात है इंस्पेक्टर…?”

रमलू  नै  एक झापड़ उसके गाल पर रसीद किया…

युवक: “अरे, मारा क्यों…?”

रमलू : “जब हरियाणा  पुलिस का ट्रैफिक इंस्पेक्टर रमलू  किसी गाड़ी को रुकण  खातर कहता है…

तो ड्राइवर को गाड़ी के कागजात अपने हाथ मैं पकड़ें  हुये  होणा  चाहिए…!”

युवक: “सारी इंस्पेक्टर…….

मैं पहली बार हरियाणा  आया हूँ….!”

फिर उसने ग्लव कंपार्टमेंट से पेपर्स निकाल कर दिखाये..!

रमलू  नै  पेपर्स का मुआयना किया फिर बोल्या :

“ठीक सै ….राख  ले ….!”

फिर घूमकर पैसेन्जर सीट की ओर गया और शीशा ठकठकाया…!!

पैसेन्जर सीट पर बैठा दूसरा युवक शीशा गिराकर सिर  बाहर निकाल कर पूछा :-

“हाँ बोलिए….?”

तड़ाक…!

एक झापड़ रमलू  नै  उसकै  भी  जड़  दिया ..!

“अरे ….! मैंने क्या किया …?”

रमलू : “या  तेरी  हेकड़ी तारण  की  खातर …!”

युवक:- “पर मैंने तो कोई हेकड़ी नहीं दिखाई…?”

रमलू  :- “इबै  नहीं दिखाई, पर मैं जानूँ  सूँ ….

एक किलोमीटर आगै  जाकै तूँ  अपने दोस्त तैं  कैहन्ता --

“ओ  दो कौड़ी का इंस्पेक्टर मेरै  मारता …. तो बताता उसनै ….!”

[18/07, 6:36 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 849

एक बार रमलू अर कमलू , किसी बियर बार में बियर पीने गये। जब वह पीने लगे तो रमलू बोला, "लगता है बाहर बारिश हो रही है। तुम ऐसा करो घर जाकर जल्दी से छतरी ले आओ।"


कमलू  गुर्राया: मुझे पता है मेरे जाने पर तुम मेरी सारी बियर पी जाओगे।


रमलू  ने उसे यकीन दिलाया कि वो उसकी बियर नहीं पियेगा। उसके हिस्से की बियर ज्यों की त्यों रखी रहेगी।


कमलू यह सुनकर मान गया और छतरी लेने चला गया।


जब रात गहराने लगी पर कमलू  छतरी लेकर नहीं लौटा तो बंता ने सोचा शायद रमलू  घर पर ही रुक गया है और अब नहीं आएगा। यही सोच कर उसने कमलू  का बियर वाला गिलास उठाया ही था कि बार के एक कोने की छोटी सी खिड़की से तेज आवाज आई, "अगर पीओगे तो मैं छतरी लेने नहीं जाऊंगा।"

[18/07, 7:42 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 850

रमलू और कमलू दोनों भाई एक ही क्लास में पढ़ते थे.


टीचर: तुम दोनों ने अपने पापा का नाम अलग-अलग क्यों लिखा?


रमलू: ताकि आप ये न कहो कि नककल मारी है!!!

[18/07, 7:43 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 851

दो किलो मटर

धमलो : अजी सुनते हो दो किलो मटर ले लूं ?

रमलू : हां, ले लो जो ठीक लग रहा है कर लो

धमलो : राय नहीं मांग रही आपकी, पूछ रही हूं  कि छील लोगे इतने कि कम लूं ?

[18/07, 7:43 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 852

सेमेस्टर सिस्टम

शिक्षक: सेमेस्टर सिस्टम से क्या फायदे हैं, बताओ?

रमलू: फायदों का तो बेरा नहीं पर बेइज्जती साल में दो बार होज्या सै।

[18/07, 8:08 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 853

शर्म नीं आई

रमलू  अपणी घरआली धमलो  नै  ल्याण खातर सुसराड चल्या गया | जद वो धमलो नै  लेके अपणी सुसराड तै चाल्लण लाग्या तो उसकी सासू  नैं जुहारी म्ह उस ताई दस रपिये दे दिए | घरां आयां पाच्छे रमलू  धमलो  गेल झगड़ा करण  लाग्या अर कई देर ताहिं  झगड़ता रह्या | आखिर मैं  धमलो  तंग होकै रमलू  तैं  बूझण  लाग्यी, 'जी थाम मेरै गेल क्यान्तें झगड़ण लाग रह्ये सो?' रमलू  छोह मैं आकै  बोल्या, "तेरी मां नै  शर्म कोणी आयी |" धमलो  नै  बूझ्या , ""किस बात की शर्म?"  बोल्या, "मैं थाहरे घरां केले तो सो रपियाँ के लेकै  गया पर तेरी मां नै   जुहारी म्ह दस रपिये दे दिए |" धमलो  तपाक तैं  बोल्यी, "जी मन्ने न्यूं बताओ अक थाह्म ओड़े मन्ने लेण गए थे अक केले बेच्चण गए थे |"

[18/07, 8:09 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 854

नीम्बू पानी मैँ जीरा 

ताऊ धारे  के 6 छोरे थे | वे 6 के 6 जमां काले थे | एक बार वे सारे गाम के जोहड़ में नहाण लागरे  थे | ताऊ धारे  उन्ती देख देख कै  राजी होरया था | ताऊ उन्ती देखदा देखदा अपणे धोरे खड़े रमलू  ती बोल्या - "देख मेरे छोरे !", रमलू बोल्या - "हाँ ताऊ देखे, जणू नीम्बू पाणी में जीरे के बुँदे  होए दाणे तैरण लाग रै सै |"

[18/07, 8:09 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 855

रमलू  सबसे बड़ा चैलेंज क्या है?

कमलू : एग्जाम में पेपर खाली छोड़कर लास्ट में लिख देना..

….कि हिम्मत है तो पास करके दिखा!

[18/07, 8:09 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 856

एक दिन रमलू  नै  अपनी भाभी खूब पीटी ।  उसके चिल्लावण  की आवाज सुन कै  पड़ोसी देखण  आगे  अर  रमलू  तैं  बूझण  लागे  अक  के  बात होगी , इतना क्यों मार रहे हो अपनी भाभी नै ?

रमलू (गुस्से में): भाईसाहब या  मेरी  पीठ पीछे छुप -छुप के रोज मेरे सभी दोस्तों गेल्याँ  बाते करती है।

पडोसी: तुम्हे कैसे पता लगा?

रमलू : अरे मैं जब भी अपने किसी दोस्त तैं  बूझूँ  हूँ कि वो फ़ोन पै  किस गेल्याँ बात कररया   हैं, तो वो नयों ऐ  कहवै  है 'तेरी  भाभी तैं '।

[19/07, 6:27 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 857

एक मुर्गी नै बाज़ तैं ब्याह कर लिया

मुर्गा: हम मरगे थे के ?

मुर्गी: मैं तो थारे तैं ए ब्याह  करना चाहूँ थी पर मोम डैड

चाहवैं थे अक छोरा एयर फोर्स मैं हो.

[19/07, 6:30 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 858

कमलू - यार रमलू ये बापू हर नोट पै  हंसते हुए क्‍यों पावैं  सैं ? 

रमलू - सीधी सी बात  सै कमलू ,जै बापू  रोवैंगे तो नोट भीज नहीं  जागा ।

[19/07, 6:37 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 859

डेडी,


रमलू ,"डेडी, ज्यादा काबिल कौन है मैं या आप?"


डैडी, " मै, क्योकि मैं एक तो तुम्हारा बाप हुँ, दुसरे उम्र मे भी तुम से बडा हुँ और मेरा तजुर्बा भी तुम से ज्यादा है।"


रमलू , "फ़िर तो आप जानते होगें कि अमेरिका की खोज किस ने की थी? "


डैडी, "कोलम्बस ने की थी"


रमलू , "कोलम्बस के बाप ने क्यों नही की, उसका तजुर्बा तो कोलम्बस से कही ज्यादा होगा ?"

[19/07, 6:38 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 860

चीनी भाषा

कमलू नै रमलू तैं बूझ्या  - के तूँ  चीनी भाषा पढ सकै सै  ?

रमलू बोल्या  - हां , जै वा  हिंदी  अर  अंग्रेजी मैं लिख राखी हो तै ....

[21/07, 7:12 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 861

टीचर-क्लाश में लड़ना क्यों नहीं चाहिए?

रमलू-- क्योंकि के बेरा इम्तिहान मैं कद किसकै पाछै बैठना पड़ज्या!

[21/07, 7:17 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: धमलो- सुनिए! मेरे बाबू नै मेरे ताहिं नया मोबाइल खरीद क़ै दिया सै!

रमलू--वाह! कौनसी कम्पनी का सै?

धमलो-लावारिस!

रमलू- अरै वा लावारिस नहीं 

लावा आइरिस सै!

[21/07, 7:35 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 863

मास्टर जी एक होटल में खाली कटोरी में रोटी डुबो डुबो कै खावण लागरे थे।

रमलू वेटर नै बूझ लिया- मास्टर जी खाली कटोरी मैं क्युकर खावण लागरे सो?

मास्टर जी बोले- भाई हम गणित के मास्टर सां, दाल हमनै मान ली अक वा सै!

[21/07, 7:39 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: या दुनिया घणी जालिम बताई, माड़ा बच कै रेहना पड़ैगा

इसनै बस थोबड़ा सुथरा चाहिए, माड़ा सज धज कै रेहना पड़ैगा

[21/07, 3:19 pm] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 864

रमलू: मैं तेरा दोस्त नहीं बण सकता,म्हारे घरके छोह मैं आवैं सैं

धमलो: म्हारे घरक्या नै तो जणु आश्की का डिपलोमा करवा राख्या सै!

[21/07, 3:22 pm] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 865

रमलू--के मैं आड़े एक सिगरेट पी सकूं सूँ?

स्टेशन मास्टर--नहीं ! यहां सिगरेट पीना सख्त मना सै।

रमलू--फेर आड़े इतने सिगरेट के टुकड़े क्यों पड़े सैं ?

स्टेशन मास्टर--ये इन लोगां नै फैंके सैं जो बूझते ए कोण्या ।

[21/07, 3:25 pm] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 866

कौरव 100 थे,

ठीक है! 


जब *100 वां* पैदा हुआ तब ,

पहले कौरव की उम्र क्या थी???


छुट्टी के दिन 

पडे़-पडे़ दिमाग मे आ गया था तो सोचा विद्वानों से पूछ ही लूँ


😎

[21/07, 3:26 pm] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 867

एक साधू बिजली ठीक कर रहा था, 

अचानक उसे करंट लगा...!!!


साधू - हर-हर गंगे, हर-हर गंगे..!!


रमलू - और ले-ले पंगे, छू ले तार नंगे...!!!

[21/07, 3:28 pm] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 868

डाकू (लड़की से) - तेरा नाम क्या है लड़की?


लड़की - सपना


डाकू - सपना तो मेरी एक फेसबुक फ्रेंड का नाम भी है! जा तुझे माफ किया।


डाकू (रमलू से) - तेरा नाम क्या है लड़के?


रमलू - नाम तो मेरा रमलू है, पर प्यार से लोग मुझे भी सपना कहते हैं!

[21/07, 3:30 pm] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 869

रमलू जंगल से जा रहा था,

अचानक भालू देखकर सांस रोककर जमीन पर लेट गया...

.

.

.

ये देखकर भालू आया और उसके कान में बोला - 

भूख नहीं है, वरना सारी होशियारी निकाल देता!!!

[22/07, 6:13 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 870

कमलू- मेरी घड़ी खो गई।तनै देखी के रमलू?

रमलू-नहीं। चलती थी या बन्द थी?

कमलू- चलती थी।

रमलू- फेर तो जरूर कितै चाल कै गई होगी.

[22/07, 6:38 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 871

मोराँ  नै दाणे 

 रमलू अपनी चौपाड़ मैं झोला लेकै बैठ्या था अर बैठ्या बैठ्या झोले मैं हाथ घालकै थोड़ी थोड़ी हाण मैं हाथ बहार काढ कै मुठी खोल्लन लाग रया था । साहमी खड्या खड्या कमलू देखै था वो उसके धोरै जा कै बोल्या --रमलू के करण लागरया  सै इतनी वार होली ? रमलू बोल्या --कमलू मैं तो मोरां नै दाणे खुवावन लागरया सूँ । कमलू-- आडे मोर कित सैं ? रमलू बोल्या--न्यूँ  तो कमलू मेरे पै दाणे बी कोन्या फेर मुफ्त का पुन्न कमावण मैं के हर्जा सै ?

[22/07, 6:39 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 872

थप्पड़ क्यूं मारे ?

रमलू अपने याड़ी कमलू तें फेटन रोहतक चलया गया । एड्रेस का बेरा कोन्या भाई नै । फोन करकै बूझन खातर एक अस टी डी की दूकान पै गया आर जानते की साथ दो थप्पड़ जड़ दिए दूकानदार कै । दूकानदार नै पुलिस बुला ली । पुलिसिया नै बुझी क्यों मारे थप्पड़ ?रमलू बोल्या --थानेदार साहब ! इसमें मेरा के कसूर सै ,इसनै ऐ अपनी दुकान कै महं  लिख राख्या  सै अक फोन मिलावान तैं पह्ल्याँ दो लगाओ ।

[22/07, 6:45 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 873

चूहा-पार्टी में चार पैग लगाकै मस्त था।

बिल्ली-आज पार्टी ना होती तो मैं तनै खा जाती।

चूहा- चली जा ना तै लोग कहेंगे नशे में औरत पै हाथ ठा दिया ।

[22/07, 6:47 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 874


रमलू (बीबी को मायके में फोन पर कहता है ) —

अपना ध्यान रखना, सुना है बहुत डेंगू फैल रहा है ।।।


धमलो (सिर पकड़ के)–

मेरा सारा खून तो थामनै पी लिया, मच्छर के “रक्त दान” करण नै आवैगा??

875 से 900

 [22/07, 6:48 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 875

काफी दिनां पाछै रमलू पार्क मैं घुमण खातर गया अर घरां उल्टा आकै उसनै धमलो तैं बताया," जानै सै लोग मनै भगवान माणण लागगे सैं।"

धमलो-- तनै क्युकर बेरा पाट्या?

रमलू-जिब मैं पार्क मैं गया तो उड़ै लुगाई मनै देख कै न्यूऊं बोली," हे भगवान,तूँ फेर आग्या।"

876

रमलू (बीबी को मायके में फोन पर कहता है ) —

अपना ध्यान रखना, सुना है बहुत डेंगू फैल रहा है ।।।


धमलो (सिर पकड़ के)–

मेरा सारा खून तो थामनै पी लिया, मच्छर के “रक्त दान” करण नै आवैगा??

[23/07, 7:02 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 876

रमलू :  मनै  शादी में BMW मिली सै ।

ठमलू  : पर तेरे  पास तो कोई कार नहीं दीखती । 

रमलू : अरै  मेरा मतलब था अक  बहुत मोटी वाईफ।

[23/07, 7:02 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 877

पत्नी : आज ताहीं  थामनै  अपनी जिंदगी में करया ए  के सै ?

रमलू  : मैं एक सेल्फ मेड माणस  सूँ ।

पत्नी : ल्यो ,अर मैं सूँ अक इब ताहीं रामजी नै दोषी मान री  थी ।

[23/07, 7:06 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 878

लोकडाउन के दसवें दिन  रमलू तैं कमलू नै बुझ्या--

तूँ क्युकर बख्त कॉटै सै?

रमलू- रामायण महाभारत देख कर...


कमलू नै फेर बूझ लिया अक तनै इंनतैं के सीख्या?


रमलू- महाभारत जमीन का केस सै

और रामायण अपहरण का केस सै...

[23/07, 7:10 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 879

सिपाही - चल भाई, तेरे फांसी का समय हो गया। 


रमलू कैदी - पर मुझे तो फांसी 20 दिन बाद होने वाली थी! 


सिपाही - जेलर साहब कह कर गए हैं कि तू उनके गांव का है,

इसलिए तेरा काम पहले...!!!

[23/07, 7:25 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 880

एक बार रमलू फौजी घर छुटटी आया ।

उसने घर आकर एक गाय  खरीद ली।

रमलू फौजी जब भी गाय को खोलता तो हर बार रमलू  के हाथ से छूटकर भाग जाती ।

एक दिन रमलू  ने गाय  को बहुत मारा ।रमलू  की पत्नी बोली इतना मत मारो नही तो यह दूध नही देगी ।

रमलू  बोल्या  – साला मुझे दूध नही चाहिऐ… Discipline चाहिऐ – Discipline.!!

[24/07, 5:12 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 881

रमलू ने एक हलवाई की दुकान पर आधा किलो जलेबी लेकर खाई और बिना पैसे दिए जाने लगा..

दुकानदार बोला – अरे जलेबी के पैसे तो दिए जा ।

रमलू– पैसे तो है नहीं ..

इस पर दूकानदार ने अपने नौकर को बुला कर रमलू की भरपूर पिटाई करवा दी।

पिटने के बाद रमलू उठा और हाथ पैर झाड़ते हुए बोला- इसी भाव पर एक किलो और तौल दे ।

[24/07, 6:47 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 882

रमलू अपनी घरवाली धमलो से ~ कालेज के बारे मैं थारा कोए कडुआ अनुभव

धमलो ~ हाँ सै ना ! थारी अर म्हारी पहली मुलाकात कालेज मैं ए तो होई थी ।

[26/07, 5:39 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 883

रमलू मोबाइल कम्पनी में नौकरी लेने गया तो पहले ही सवाल का जवाब देने पर उसको भगा दिया गया!

सवाल: सबसे बड़ा नेटवर्क कौन सा है?

रमलू: कार्टून नेटवर्क!

[26/07, 5:39 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 884

रमलू अंडरवियर लेने दुकान पर गया।

दुकानदार ने उसे 300 रूपये का अंडरवियर दिखाया।

पैसे सुनकर रमलू बोला: यार रोज पहनने वाला दिखाओ,पार्टीवियर नहीं चाहिए।

[26/07, 5:41 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 885

कमलू धोरै रोजगार नहीं, खान नै रोटी नहीं, रहवन नै मकान नहीं

रमलू-के हाल?

कमलू- तीजां कैसे कटरे सैं!

[27/07, 5:52 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 886

वृद्धाश्रम में माँ को छोड़कर वो पलटा ही था की....

माँ ने आवाज़ देकर बुलाया...

बेटा अपने मन में किसी प्रकार का बोझ मत रखना..तुझे पाने के लिए तीन बेटियो की भ्रूण हत्या की थी...

सजा तो मिलनी ही थी...

[27/07, 5:54 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 887

एक दिन पंडित को प्यास लगी, संयोगवश घर में पानी नही था इसलिए  उसकी पत्नी  पडोस से पानी ले आई I पानी पीकर पंडित  ने पूछा.... 


पंडित   - कहाँ से लायी हो बहुत ठंडा पानी है I 


पत्नी -  पडोस के कुम्हार के घर से I (पंडित ने यह सुनकर लोटा फैंक दिया और उसके तेवर चढ़ गए वह जोर जोर से चीखने लगा ) 


पंडित  - अरी तूने तो मेरा धर्म भ्रष्ट कर दिया, कुंभार ( शुद्र ) के घर का पानी पिला दिया। पत्नी  भय से थर-थर कांपने लगी, उसने पण्डित  से माफ़ी मांग ली I 

पत्नी - अब ऐसी भूल नही होगी। शाम को पण्डित  जब खाना खाने बैठा  तो  घरमे खानेके लिए

कुछ नहीं था.


पंडित  - रोटी नहीं बनाई. भाजी

नहीं बनाई.


पत्नी -  बनायी  तो थी लेकिन अनाज पैदा  करनेवाला कुणबी(शुद्र) था.

    और  जिस कढ़ाई में बनाया था वो लोहार (शुद्र) के घर से आई थी। सब  फेक दिया.


पण्डित  - तू पगली है क्या कही अनाज और कढ़ाई  में भी छुत होती है? यह कह कर पण्डित  बोला की पानी तो  ले आओ I 


पत्नी  - पानी तो नही है जीI 


पण्डित - घड़े कहाँ गए हैI 


पत्नी - वो तो मेने फैंक दिए क्योंकि कुम्हार के हाथ से बने थेI पंडित  बोला दूध ही ले आओ वही     पीलूँगा I 

पत्नी -  दूध भी फैंक दिया जी क्योंकि गाय को जिस नौकर ने दुहा था वो तो नीची (शुद्र) जाति से था न I 


पंडित- हद कर दी तूने तो यह भी नही जानती की दूध में छूत नही लगती है I 


पत्नी-यह कैसी छूत है जी जो पानी में तो लगती है, परन्तु दूध में नही लगती। पंडित  के मन में आया कि दीवार से सर फोड़ ले। गुर्रा कर बोला - तूने मुझे चौपट कर दिया है जा अब आंगन में खाट डाल दे मुझे अब नींद आ रही है I 


 पत्नी-  खाट! उसे तो मैने तोड़ कर फैंक दिया है क्योंकि उसे शुद्र (सुतार ) जात वाले ने बनाया  था. 


पंडित  चीखा -  ओ फुलो का हार लाओ भगवन को चढ़ाऊंगा ताकि तेरी अक्ल ठिकाने आये.


पत्नी- फेक दिया उसे माली(शुद्र)

जाती ने  बनाया था.

पंडित चीखा- सब में आग लगा दो, घर में कुछ बचा भी  हैं या नहीं.

पत्नी - हाँ यह घर बचा है, इसे अभी तोडना बाकी है क्योंकि इसे भी तो पिछड़ी जाति के मजदूरों ने बनाया है I पंडित  के पास कोई जबाब नही था। आई कुछ समझ में कि नहीं ?

[27/07, 5:55 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 888

इससे अच्छा तो इसका बाबू था 

एक शहर में एक आदमी की आदत थी की वो अपने घर के पास के चौराहे पर खड़ा हो कर पेशाब करता था। लोग उसे भला बुरा कहते थे । किसी कारण उसकी मौत हो गई। लोगों ने राहत की सांस ली। उसके बाद उसके लड़के ने चौराहे पर घूम घूम कर पेशाब करना शुरू कर दिया। लोग बोले~ इससे अच्छा तो इसका बाबू था वो खड़ा हो कर तो कर लिया करता। आई किमैं समझ मैं ?

[28/07, 6:55 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 889

एक नेताजी की गाड़ी पै प्लेट लागरी थी, जिसपै लिखा था - हा. ओ. प्र.

.

पुलिस वाले ने ड्राइवर से पूछा - कौन सी पार्टी के हैं नेताजी...?

.

ड्राइवर - हारे औड़ प्रत्याशी...!

[28/07, 7:02 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 890

टीचर: रमलू , एक ऐसी कहानी सुनाओ जिससे कोई शिक्षा मिलती हो।

रमलू : मैंने उसको फोन किया, वह सो रही थी।

फिर उसने मुझे फोन किया, तो मैं सो रहा था।

टीचर : इसमें कौन सी शिक्षा मिलती है?

रमलू  : शिक्षा मिलती है : जैसी करनी, वैसी भरनी।

[28/07, 7:03 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 891

तौहीन अदालत की

रमलू नै  पत्नी के साथ मारपीट करने के जुर्म में अदालत में पेश किया गया.

जज ने रमलू की जबानी पूरी घटना ध्यान से सुनी और भविष्य में अच्छा 

व्यवहार करने की चेतावनी देकर छोड़ दिया.

अगले ही दिन रमलू नै  पत्नी को फिर मारा और फिर अदालत में पेश किया गया.

जज ने कड़क कर पूछा – “तुम्हारी दुबारा ऐसा करने की हिम्मत कैसे हुई ? 

अदालत को मजाक समझते हो ?”

रमलू नै  अपनी सफाई में जज को बताया – नहीं हुजूर, आप मेरी पूरी बात सुन लीजिए. 

कल जब आपने मुझे छोड़ दिया तो अपने-आपको रिफ्रेश करने के लिए मैंने थोड़ी सी 

शराब पी ली. जब उससे कोई फर्क नहीं पड़ा तो थोड़ी-थोड़ी करके मैं पूरी बोतल पी गया. 

पीने के बाद जब मैं घर पहुंचा तो पत्नी चिल्ला कर बोली – “हरामी, आ गया नाली का पानी पीकर !”

हुजूर, मैंने चुपचाप सुन लिया, और कुछ नहीं कहा. फिर वह बोली – “कमीने, कुछ काम धंधा भी 

किया कर या केवल पैसे बर्बाद करने का ही ठेका ले रखा है … !”

हुजूर, मैंने फिर भी कुछ नहीं कहा और सोने के लिए अपने कमरे में जाने लगा. 

वह पीछे से फिर चिल्लाई – “अगर उस जज में थोड़ी सी भी अकल होती तो तू आज जेल में होता … !!!”

बस हुजूर, अदालत की तौहीन मुझसे बर्दाश्त नहीं हुई …. !!!

[28/07, 7:21 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 892

रमलू : माँ , मैं कल से स्कूल नहीं जाऊंगा।

ममी: क्यों बेटा, ऐसी क्या बात हो गई?

रमलू : आज स्कूल में हम सभी बच्चों का वजन किया गया था...

ममी: तो क्या हुआ?

रमलू : मनै  डर है कि अगर रेट अच्छा मिला, तो स्कूल वाले कहीं हमें बेच न डालें!!!

[31/07, 6:10 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 893

एक बार रमलू पूरा पट्टियों मैं लिपटया पड्या  था।

कमलू-- के हुया रमलू? यो के हाल बना राख्या सै?

रमलू- के बताऊँ कमलू! मैं बीस लोगों नै मिलकै नै पीटया।

कमलू- फेर तनै के करया?

रमलू-- करना के था मनै भी कहया-- हिम्मत सै तो एक एक करकै आओ।

कमलू-- फेर

रमलू-- फेर के , फेर बीसों नै एक एक करकै मेरी पींघ सी बधा दी।

[31/07, 6:11 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 894

रमलू का बाबू-- रमलू तेरे ताहिं फूल तोड़कै ल्याण ताहिं कहया था अर तूँ पूरी डाहली तोड़ ल्याया फूल की गेल्याँ।

रमलू-- बाबू, उड़ै लिख राख्या था अक फूल तोड़णा मना सै, इस करकै मैं डाहली ए तोड़ ल्याया।

[31/07, 6:11 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 895

माँ नै रमलू तैं कहया-- बेटा लैंप जला दे।

कुछ देर पाछै माँ नै फेर बुझ्या-- बेटा लैंप जला दिया?

रमलू बोल्या-- हां माँ! वो तो जब आपणै कहया था, जिबै चूल्हे मैं गेर दिया था, इब ताहिं तो पूरा जल लिया होगा ।

[31/07, 6:32 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 896

रमलू बस में दिल्ली जा रहा था , पास वाली सीट पर बैठे भाई ने पूछा : क्या *जात* है भाई जी?

रमलू : *चौधरी* हूँ

फिर कहता है: ये *चौधरी* किसमें आते हैं?

रमलू : भाई, अगर गन्ने का पेमेंट टाइम पे हो तो *स्कार्पियो* मैं आवैं सैं ना तै *रोडवेज* बस मैं ए आवैं सैं...

[01/08, 7:17 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 897

धमलो- शादी से पहले तुम मुझे होटल,

सिनेमा, और न जाने कहां- कहां घुमाते थे

शादी हुई तो घर के बाहर भी नहीं ले जाते..

रमलू- क्या तुमने कभी किसी को...

चुनाव के बाद प्रचार करते देखा है...

[02/08, 6:32 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 898

SCHOOL

एक टीचर ने रमलू से पूछा-स्कूल क्या है?

रमलू-स्कूल वो जगह है जहाँ हमारे पापा को लूटा जाता है और हमें कूटा जाता है ।

[02/08, 6:33 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 899

KIT KIT

रमलू 

किट किट की आवाज आ रही थी

रमलू( जागकै)--देखिए धमलो मूसे कपड़े कुतरण लागरे सैं ।

धमलो(कांपते हुए)

सारी सौड़ तो तनै खींच ली 

मेरे ए दांत किट किटावैं सैं ।

[03/08, 7:13 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 900

डॉक्टर- जब तुम तनाव में होते हो क्या करते हो?

रमलू- जी, मंदिर चला जाता हूं...


डॉक्टर- बहुत बढ़िया, ध्यान-व्यान लगाते हो वहां?


रमलू- जी नहीं, लोगों के जूते चप्पल मिक्स कर देता हूं, फिर उन लोगों को देखता रहता हूं...


उननै तनाव मैं देख कै मेरा तनाव दूर होज्या सै ।

[04/08, 5:06 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 895

पल्स पोलिओ

पल्स पोलिओ टीम घर आयी…

रमलू  (धमलो तैं ): बंदूक और कारतुस कित सैं …??

टीम भागी,

पीछे से रमलू  नै रूक्का  मारया ,

रुको

ओये रुको

ये म्हारे  बालकां  के नाम सैं .!!

[04/08, 5:12 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: वो तैरते तैरते डूब गये, जिन्हे खुदा का विश्वास था..

वो डूबते डूबते भी तर गये, जिन्हें  खुद का अहसास था..!!

[04/08, 5:14 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 896

फोर-व्हीलर  सै

पुलिस: बफैलो पर बैठे रमलू  को

एक पुलिस वाले ने रोक कै  बूझ्या

आपका हेलमेट कित  है? फाइन लागेगा !!

रमलू : रे बावले नीचै  देख फोर-व्हीलर सै .!!

[04/08, 5:18 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 897

एक बार एक हरयाणवी इंग्लिश सीखण UK म्है गया.

एक साल पाछै वो वापिस हरियाणा आया|

२-३ दिन पाछै उस धोरे फ़ोन आया और फ़ोन पे

एक आदमी बोल्या- मखा राम राम, | और सुना किम्मे

गाम की.......

हरयाणवी: who is Speaking ?

.

.

.

.

.

.

.

.

.

फ़ोन आला आदमी: रै पिछाणया कोणी के? 

मैं बोलू सु

Anderson....UK से थारा ट्रेनर 

😆😂😆😂

[04/08, 6:18 pm] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 898

डॉक्टर--दर्द कहाँ है?

रमलू--फीस कम करदयो तो बताऊँ नहीं तो अपने आप टोहो।

[04/08, 6:24 pm] Dr. Ranbir Singh Dahiya: रमलू-- जो दोस्त मनै रोज न्यू कहया करता अक भाई तेरे ताहिं तो ज्यान भी हाजिर सै।

कमलू--तो के होय्या उसकै?

रमलू-- उसकै तो के होना था। 

आज वोहे मोबाइल मैं पासवर्ड टाईप करते हुया न्यों बोल्या," तूँ माड़ा परे नै देखिए।

[04/08, 6:24 pm] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 899

[04/08, 6:32 pm] Dr. Ranbir Singh Dahiya: टीचर-बच्चों तुम बड़े होकर क्या बनोगे?

पिंकी- मैं बड़ी होकै सीए बनूंगी। हमेशा हवाई यात्रा करूंगी, फाइव स्टार होटल मैं डिनर करूंगी,अर सबतें म्हंगी कर लयाऊंगी, अर

टीचर- बच्चो आप को इतना लम्बा जवाब नहीं देना, बस एक लाइन का जवाब हो।

रमलू, तुम बड़ी होकर क्या बनोगे?

रमलू- पिंकी का पति।

[04/08, 6:32 pm] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 900

901 से 925

 [05/08, 8:11 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 901

रमलू- डॉक्टर साहब , मेरे बेटे नै दातां तैं नाखून कुतरने की आदत पड़गी। किमैं करो।

डॉक्टर बोल्या-- घबराओ मतना। मैं थारे बेटे के दांतै काढ़ दयूं सूँ ।

[05/08, 8:11 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 902

रमलू के घराँ एक नवविवाहित दम्पति पधारे । पूरे कुन्बे नै उन दोनां की खूब आव भगत करी । 3 दिन पाछै वे चले गए। 

रमलू नै धमलो तैं बूझ्या-- ये थारे कैड़ के रिश्तेदार थे के ?

के? धमलो सिर पाकड़ कै बोली -- मैं समझी अक ये थारे कानि के रिश्तेदार सैं।

[05/08, 8:12 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 903

फ़कीर नै गुहार लाई- " अलाह के नाम पर मनै दो रोटी देदे। अल्लहा तनै 50 रोटी देगा।

******

धमलो- तो उस अल्लहा धोरै तूँ कुण्या ले लेता। ऊंबी हमनै बासी रोटी खान की आदत कोण्या।

[05/08, 8:12 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 904

रमलू नै धमलो तैं कहया- हम दोनों प्यार मैं इसे घुलमिलगे जनूं तो दूध मैं पाणी।

धमलो बोली- धीरै बोल , कदे हम दोनों मिलावट के जुर्म मैं गिरफ्तार ना कर लिए जावैं।

[05/08, 8:28 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 905

कार से टकरा कर कबूतर बेहोश हो गया!

.

एक आदमी उसे उठा कर घर ले गया और पिंजरे 

में डाल दिया!

.

.

कबूतर को होश आया और वो बोला:

साला जेल हो गई!!

वो कार वाला मर गया क्या?.

[05/08, 8:29 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 906

एक बूढ़ा माणस एक बारात मैं चाल्या गया । जब शाम के बख्त सारे बराती रोटी जिम्मण बैठे तो बूढ़ा एक ऊंची सी जगांह पै पत्तल लेकै बैठ गया । जब उस की पत्तल मैं लाडू धरे तो बूढ़े का एक लाडू गिरड़ कै दूर चल्या गया। बूढ़ा उस लाडू नै ठावण खात्तर जब उठण लाग्या तो रोटी जिमावण आला एक छोरा बोल्या-- दादा उस लाडू नै पड़या राहण दे और लाडू मिलज्यागा। बूढ़ा बोल्या-- रै बेटा ! मनै लाडूआं का कोये फिक्कर ना। मनै तो इस बात का दुख सै कि यू काल, परसों का बुच्या हुया छोटा सा लाडू मेरी सत्तर साल के बूढ़े की अक्कल क्यूँ मारणा चाहवै सै।

[05/08, 1:29 pm] Dr. Ranbir Singh Dahiya: दांत का डॉक्टर- आपका दांत निकालना पड़ेगा क्योंकि ये सड़ चुका है।

रमलू- हां तो कितने पीसे लागैंगे ?

दांत का डॉक्टर- बस 500 रुपये लगेंगे.

रमलू- 50 रुपये ले ले अर माड़ा सा ढीला कर दे, काढ़ तो मैं आपै ए लयूंगा ।

[05/08, 1:51 pm] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 908

धमलो- मेरे बाबू नै कहया सै अक

जै मैं एग्‍जाम में फेल होगी 

तै मेरा ब्याह रिक्‍शाआले तैं करा देंगे।

रमलू- अरे वाह! मेरे बाबू नै कहया सै अक

जै  मैं फेल हुआ तो वो मनै रिक्‍श दिला देगा ।

[06/08, 6:32 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 909

मायके से रमलू की बीवी धमलो ने फोन किया और पूछा- 

क्या तुम मुझे याद करते हो? 

.

.

.

रमलू बोला- पगली, याद करना इतना आसान होता तो

दसवीं में टॉप ना कर जाता...!!!

[06/08, 6:33 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 910

कमलू हवलदार - सर, हमने शराब से भरा ट्रक पकड़ लिया है? 


रमलू इंस्पेक्टर - शाबाश, बहुत अच्छे...


कमलू हवलदार - आगे क्या ऑर्डर हैं सर? 


रमलू इंस्पेक्टर - अब एक ट्रक सोडा और एक ट्रक

नमकीन का भी पकड़ लो...!!!

[07/08, 6:49 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 911

पुलिस की नौकरी की खातर इंटरव्यू लिए जावन लागरे थे।

रमलू बी जा पहोंच्या इंटरव्यू देन ।  

अफसर नै रमलू ती बूझ्या - जै बिना लाठी कै गोली के चलायें भीड़ 

को तित्तर भित्तर करना पड़ जाये तो कैसे करोगे ?

रमलू सैड दे सी बोल्या- जनाब मैं झोली फैला कै चंदा मांगना शुरू कर दयूंगा।।

[07/08, 6:57 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 912

रमलू  की   घरआली  -मैं मर जाऊंगी ।

रमलू -मैं भी मर जाऊँगा ।

घरआली -तूं क्यूं मरना चाहवै सै ।

रमलू- क्यूंकि मैं इतनी खुसी बर्दाश्त नहीं कर सकता ।

[07/08, 6:58 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 913

गाम मैं एक शहरी आ गया  अर रास्ता बूझन लाग्या 

रमलू बोल्या  -- सुन तूं नयों कर पहलम सोले हाथ नै मुड़ जाईये अर फेर तूं ओले हाथ नै मुड़ जाईये ।

शहरी बाबू जी बोल्या- भाई साहब मैं तो आप से आप  आप करके बात कर रहा हूँ और आप तूं तूं कर कर के बात कर रहे हैं ।

रमलू  बोल्या- अरे ओ फूफा और के तनै बाबू कहूं ?

[08/08, 6:15 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 914

रमलू: हम पति-पत्नी तमिल सीखना चाहते हैं!

कमलू: वो क्यों?

रमलू: हमने एक तमिल बच्चा गोद लिया है!हम सोचते हैं जब वो बोलने लगे तो उससे पहले पहले हम तमिल सीख लें!

[08/08, 6:15 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 915

रमलू (नौकर से) – ज़रा देख तो बाहर सूरज निकला या नहीं ?

नौकर – बाहर तो अँधेरा है !

रमलू – अरे तो टॉर्च जलाकर देख ले कामचोर !

[08/08, 6:50 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 916

कुली

प्लेटफॉर्म पर ढेर सारा सामान लिए खड़े रमलू से

कुली ने पूछा - सर् कुली चाहिए...?

रमलू ने बड़ी विनम्रता के साथ जवाब दिया, 

'नहीं भैया, मेरी पत्नी मेरे साथ हैं...'

[09/08, 8:20 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 917

रमलू अपनी आंख दान करण गया

काउन्टर क्लर्क : कुछ कहना चाहते हो ?

रमलू: जिसकै लाओ उसनै बता दियो ये 2-3 पैग के बाद खुलें सैं ---  !

[09/08, 8:21 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 918

ख़बर दूर की !

एक बै रमलू  खेत मैं  रेडियो सुनै  था,

रेडियो पै एक नौजवान बताण लाग रया था,

बंबई मैं  बाढ़ आगी, गुजरात मैं  हालण आग्या, दिल्ली मैं ..

रमलू  नै देख्या पाच्छै नाका टूट्या पड़्या सै,

अर पाणी दूसरे के खेत मैं  जाण लाग रहया सै।

रमलू  छोंह मैं  आकै रेड़ियो कै दो लट्ठ मारकै बोल्या,

“दूर-दूर की बताण लाग रया सै,

लवै नाका टूट्या पड़या सै

यो बतांदे होए तेरा मुँह दुक्खै था  के ।”

[09/08, 8:26 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 919

हरा साग


एक ताई कै तीन-चार बाळक थे । ताई रोज उन ताहीं हरा साग बणा कै दे देती - कदे सिरसम का, कदे चणे का, कदे बथुए का ।

बाळक बोले - मां, रोज-रोज हरा साग मत बणाया कर, कदे दूसरा भी बणा लिया कर ।

ताई बोल्ली - खाओ चाहे मत खाओ, मैं तै रोज हरा साग ए बणाऊंगी ।

बाळक फेर बोले - इसतैं आच्छ्या तै हामनै गळामा घाल-कै खेत में चरा ल्याया कर !

[10/08, 6:40 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 919

रमलू की घराली धमलो नै डिलीवरी के लिए हॉस्पिटल लेगे..

रमलू नै नर्स तैं कहया - बच्चा होने के बाद सीधे मत बताना, 

नर्स- मतलब

रमलू - लड़का हो तो टमाटर बोलिए अर लड़की हो तै कहिये प्याज हुई सै...

इत्तेफाक तैं रमलू की घराली कै जुड़वा बालक हुए एक लड़का एक लड़की...

नर्स कन्फूयजन में बाहर आकर बोली-- बधाई हो सलाद हुया सै..

[10/08, 6:42 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 920

रमलू- बेवफा तनै दिल जला दिया, मेरा दिल जलाकै राख कर दिया.

धमलो- तेरी कुर्बानी बेकार नहीं जावैगी.

भेज दे राख, बर्तन मांजण के काम आज्यागी.

[10/08, 6:48 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 921

रमलू : लडकियाँ 300 की सेँडल खरीद के पूरे घर मे कहती फिरतीं हैँ।  

.

शाँपिँग करके आ रही हूँ ।।

.

लडके 1000 की दारु पीकर आते हैं और

चुपचाप सो जाते हैं।।

.

इसे कहते है “संस्कार" बाबू- रमलू

[10/08, 4:46 pm] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 922

लड़की वाले शादी के लिए देखने आ रहे थे...!

रमलू- बेटा लड़की वाले आवेंगे , उनके साहमी थोड़ी लंबी-लंबी फैंकीये...!

लड़की वालों के आते ही

बेटा- पापा जरा चाबी देना, वो ट्रेन धूप में खड़ी है, अंदर कर देता हूं...! 

रमलू बेहोश...!

[10/08, 4:49 pm] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 923

रमलू की छात टपक रही थी ठीक डाइनिंग टेबल के ऊपर।

प्लम्बर ने पूछा- आपको कब पता चला कि छत टपक रही है?

रमलू- जब कल रात को मेरा पैग 3 घंटे तक खत्म नहीं हुया।

 

[10/08, 4:53 pm] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 924

पड़ोसन- आपकी नई बहू कैसी है...?

सास- बहुत मेहनत करती है, इतनी गर्मी में भी दिन-रात लगी रहती है,

कैंडी क्रश के 452 लेवल पर पहुंच गई है। व्हाट्सएप पर 25 ग्रुप चलाती है,



फेसबुक पर 5 हजार फ्रेंड और 10 हजार फॉलोवर हैं। 16 ग्रुप की एडमिन है

और 36 पेज चला रही है। सोच रही हूं सुबह दूध के साथ बादाम देना शरू कर दूं

और तरक्की करेगी।

पड़ोसन- बेहोश...

 

[12/08, 5:19 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 925

बीस रपईये मैं चार

रमलू नै स्टूडियो के फोटोग्राफर तैं बूझ्या -- बालकां के फोटो किस रेट पर खींचो सो ?

फोटोग्राफर नै बताया ---" बीस रपईये मैं चार" 

रमलू बोल्या," ठीक सै ! मैं बाद मैं आऊंगा | इब्बे  तो मेरे बस तीन ए बालक  सें |

926 से 950

 [12/08, 5:20 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 926

रमलू पहलवान ---------------------------------------

रमलू बूढ़े पहलवान नै भीड़ को संबोधित करते हुए कहया ,'मेरे मैं इब्बी उतनी ए ताकत सै , जितनी जवानी के दिनों मैं थी '

"वो क्यूकर "एक माणस नै बूझ्या |

वो बड्डा सा पत्थर देख रहे सो ना , मैं उसनै जवानी मैं भी ठाया करता , इब्बी ठाऊँ सूँ | 

वो न तो तब उठता था और ना इब उठता मेरे पै "

[12/08, 5:20 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 927

नालायक बेटा -----------------------------

एक औरत नै अपने बेटे तैं कहया ,' तूं एकदम नालायक सै | अपने बाबू के चाल  चलन तैं कुछ तो सीख ले |'

'के मतलब सै माँ तेरा ?'बेटे नै हैरान होकै बूझ्या |

तनै बेरा कोनी के | तेरे बाबू के आछे चाल चलन के करकै ए तो जेल आल्यां  नै उनकी आधी सजा माफ़ करदी |

[12/08, 5:21 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 928

" चरागाह मैं घोडा और गाय घास चार रहे हैं -- इस वाक्य मैं के गलती सै ? मास्टरजी नै छात्रों तैं बूझ्या |

" इस मैं लेडीज फर्स्ट " के सिधान्त का पालन कोनी करया गया " एक छात्र नै जवाब दिया |

[12/08, 5:21 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: रमलू  फकीर अर अम्बानी अमीर का एक बार सूत  बैठग्या  बात करण का |

अम्बानी   जी बोले --अच्छा रमलू न्यूं बता अक" किस करना" मेहनत सै अक या मजा सै ?

रमलू  बोल्या --अम्बानी जी क्यूं मजाक करो सो गरीब की गेल्याँ ?

अम्बानी --नहीं रमलू मैं असल मैं जानना चाहूं सूँ |

रमलू बोल्या -- अम्बानी साहब जरूर मजा होगा , नाह तै मेहनत होती तै या भी थाम  मेरे पै ए करवांदे||

[12/08, 5:22 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 929

रमलू अपनी घर आली तैं बोल्या  -- री भगवान ! तूं जो अख़बार पढ़न लागरी सै वो उल्टा सै |

घराली सैड दे सी बोली ," तो के हुया ? मैं इसनै पढूं थोड़े ए सूँ , मैं तो फोटो देखूं सूँ |


--

[13/08, 6:43 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 930

रमलू --- 

MP, 

MLA, 

MLC 

खरीदते खरीदते ये भूल गए कि oxygen भी खरीदनी है..

[15/08, 7:02 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 931

फेल होना चाहूं सूँ 

सत्तू दसवीं कलास मैं पढ़या करै था | एक दिन ओ अपने दोस्त फत्तू ती बोल्या --- यार फत्तू मैं तो फेल होना चाहूं सूँ | सत्तू की बात सुनकै फत्तू नै बूझ्या --- यार सत्तू तूं फेल क्यों होना चाहवै सै ? सत्तू बोल्या-- मेरे बाब्बू नै मेरे ती कह राख्या सै अक जै तूं फस्ट आया तो तेरे ती साइंस दिवा द्यूंगा , जै पास ए होया तो आर्ट साइड दिवाऊँगा अर जै फेल होग्या तो तेरा ब्याह कर द्यूंगा |

[15/08, 7:02 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 932

सुरता झगड़ालू छोरा था | वो छोटी छोटी बातां पै झगडा कर लिया करै था | एक दिन सूरते नै एक ज्योतिषी तैं हाथ दिखाया | हाथ देख कै ज्योतिषी नै सूरते पै बूझ्या --- बोल बेटा के बूझना चाहवै सै ? सुरता बोल्या --- जी मेरी दो न्यारी न्यारी जगहां भतेरी और सविता नाम की छोरियां गेल्याँ ब्याह की बात चाल री सै | थाम मने नयों बताओ अक इनमें तैं कौनसी खुशनसीब सै जिस गेल्याँ मेरा बयाह होवैगा ? उस ज्योतिषी नै सूरते के स्वभाव का बेरा था जयां तैं बोल्या-- बेटा तेरा ब्याह to भतेरी गेल्याँ होवैगा ar खुशनसीब सविता रह्वैगी

[16/08, 6:31 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 933

शिक्षक ने क्लास में रमलू  की कॉपी जांचते हुए उससे कहा- मुझे आश्चर्य होता है कि तुम अकेले इतनी सारी गल्तियां करते हों ?

रमलू  नै  खड़या  होकै  कहया - यह सारी  गल्तियां मनै ऐकले नै कोण्या करी , मेरा  बाबू  नै भी इसमैं  मेरी  मदद करी सै  |

[16/08, 6:47 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 934

रमलू 

किट किट की आवाज आ रही थी

रमलू( जागकै)--देखिए धमलो मूसे कपड़े कुतरण लागरे सैं ।

धमलो(कांपते हुए)

सारी सौड़ तो तनै खींच ली 

मेरे ए दांत किट किटावैं सैं ।

[17/08, 6:52 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 935

रमलू ने एक हलवाई की दुकान पर आधा किलो जलेबी लेकर खाई और बिना पैसे दिए जाने लगा..

दुकानदार बोला – अरे जलेबी के पैसे तो दिए जा ।

रमलू– पैसे तो है नहीं ..

इस पर दूकानदार ने अपने नौकर को बुला कर रमलू की भरपूर पिटाई करवा दी।

पिटने के बाद रमलू उठा और हाथ पैर झाड़ते हुए बोला- इसी भाव पर एक किलो और तौल दे ।

[17/08, 7:01 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 936

चीनी भाषा

कमलू नै रमलू तैं बूझ्या  - के तूँ  चीनी भाषा पढ सकै सै  ?

रमलू बोल्या  - हां , जै वा  हिंदी  अर  अंग्रेजी मैं लिख राखी हो तै ....

[18/08, 6:21 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 937

रोला अठन्नी का एक छोरे नै दूसरे छोरे ताहीं कहया ," इबै इब मनै एक अठन्नी मिली सै |"

दूसरा छोरा बोल्या ,' वो तो मेरी  थी |"

" झूठ मने तो दो चवन्नी मिली सें |"पहला बोल्या |

दूसरा बोल्या ," हो सकै सै अक मेरी अठन्नी पड़ कै टूट्गी हो अर दो टूक होगे हों |"

[18/08, 6:42 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 938

धमलो-थाम शराब बहोत पीवण लागे।

रमलू-धमलो! या चीजै इसी सै।

धमलो-बोतल पै तो साफ साफ लिख्या हो सै-खतरा!अर फेर भी पीवो सो।

रमलू-अरै, हम तो "खतरयां के खिलाड़ी" सां।

[19/08, 6:24 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 939

कमलू –रै रमलू !!


अपुन के दिमाग में एक लोचा चल रेला है रे !


साला ये बगूला एक टांग उठाकर काये को सोता है !!


रमलू – अरे सिंपल है भाई !!


बोले तो अगर बगूला दूसरी टांग भी उठा लेगा तो गिर जायेगा ना !!

[19/08, 6:25 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 940

रमलू शाम को जैसे ही घर में लौटा !


धमलो – आज क्या लाये ?


रमलू – अब इस पूरे महीने मुझे कुछ,

खरीदने की जरुरत नहीं पड़ेगी !!


धमलो – क्यों आज ही पूरी दुकान खरीद लाये क्या ?


रमलू – नहीं मैं पूरी सैलरी की दारू पी आया !!

[19/08, 6:43 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 941

बैंक मैनेजर:- कैश खत्म हो गया है कल आना !


रमलू- लेकिन मुझे मेरे पैसे अभी चाहिये !!


मैनेजर:- देखिये आप गुस्सा मत करिये,

शांति से बात कीजिये !!


रमलू:- ठीक है बुलाओ शांति को,

आज उसी से बात करूँगा !!!!

[19/08, 6:43 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 942

10 डॉक्टर मिलकर एक हाथी का ऑपरेशन कर रहे थे !!


आपरेशन के बाद…


डॉक्टर:- कम्पाउंडर जल्दी इधर आ !!

रमलू कम्पाउंड:-क्या हुआ डॉक्टर साहब??


डॉक्टर:- चेक करो सारे औजार हैं या नहीं !

कुछ हाथी के पेट में तो नहीं छूट गया !


रमलू कम्पाउंडर:- औजार तो सारे यहीं हैं !

लेकिन डॉक्टर शर्मा कहीं दिखाई नहीं दे रहे !!

[19/08, 6:46 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 943

कुंडलियो का मिलान कर के, 


पंडित जी बोले- बधाई हो, कुंडली तो एसे मिली है, 


जेसे श्री राम ओर सीताजी की मिली थी |||

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इतना सुनते ही लड़की बोली :- माँ, मैं इस लड़के से शादी नहीं करूंगी,

.माँ--क्यों बेटा?

लड़की:- मैंने तो यूरोप घूमने के सपने देखे हैं । वनों में भटकने के नहीं ।

[19/08, 6:47 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 944

डॉक्टर धमलो से :- आपका पति रमलू अब सिर्फ 2 दिन का मेहमान है, आई एम सॉरी !!


धमलो :- सॉरी की कोई बात ही नहीं है डॉक्टर साहब,


40 साल निकल गए तो 2 दिन भी निकल ही जायेंगे !!

[19/08, 6:47 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 945

रमलू और कमलू दोनों भाई एक

ही क्लास में पढ़ते थे !


टीचर: तुम दोनों ने अपने पापा का नाम


अलग-अलग क्यों लिखा है?


रमलू : मैडम फिर आप कहोगी कि नक़ल मारी है, इसीलिए !!

[19/08, 6:50 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 946

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रमलू अपनी माँ तैं बोल्या –“मां,कोई कहानी सुणा!

माँ – “बेटा,मेरै तो कोई कहानी याद कोण्या। इबबै तेरा बाबू

घरां आवैगा। जब मैं बुझूंगी अक इतनी वार कड़ै लादी

...,फेर तूँ देखना वो कितनी कहानियाँ सुनावै सै…

[19/08, 6:58 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 947

नैहले पै दैहला

रमलू की भाभी बस की बाट मैं खड़ी थी | रमलू  बोल्या - चांद तो रात मैं लिकड़या  करै  , आज दिन मैं  क्यूकर लिकड़ आया ?


भाभी  बोली - भर  उल्लू तो रात नै  बोलया करै  , आज दिन मैं क्यूकर बोलै सै ?

[19/08, 6:58 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 948

parhej

डॉक्टर रमलू मरीज सेः तुम दिन में कितनी सिगरेट पिते हो?


रमलू : बस  जी 20


डॉक्टरः देखो अगर मुझसे इलाज करना हो तो तुम्हे सिगरेट से परहेज करना होगा, एक काम करो , एक नियम बना लो, सिर्फ भोजन के बाद ही एक सिगरेट पियोगे।

रमलू  ने डॉक्टर की बात मानकर इलाज शुरू कर लिया | 


दो महीने  बाद रमलू  का स्वास्थ एकदम सुधर गया।


डॉक्टरः देखा मेरे बताये गए परहेज से तुम्हारा स्वास्थ्य  कितना सुधर गया।


रमलू : पर  डॉक्टर साहब दिन मैं 20 बरियाँ  भोजन करना भी तो कोये  आसान काम कोन्या /

[19/08, 7:04 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 949

"डॉक्टर (रमलू से )- बहुत कमजोरी है।

फल खाया करो छिलके सहित।

एक घंटे बाद..

रमलू - डॉक्टर साहब! मेरे पेट मैं कसूता दर्द होरया सै

डॉक्टर- क्या खाया था?

रमलू- नारियल छिलके समेत ।

[19/08, 7:11 am] Dr. Ranbir Singh Dahiya: 950

कमलू (रमलू तैं)- तूँ यो  चाकू क्यों उबालै सै ?

रमलू - सुसाइड करण की खात्तर ।

कमलू- तो फिर उबालण की के जरूरत सै?

रमलू - मरे पाछै कदे इन्फेक्शन ना होज्या खामखा दुखी करैगी ।